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प्रकृति परीक्षण अभियान,आयुर्वेद पद्धति से शरीर के प्रकृति की मापए संतुलन और उपचार के तरीकों की मिल रही जानकारी

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Nature testing campaign, information about measuring the nature of the body, balancing it and methods of treatment is being obtained through Ayurveda method

शरीर की प्रकृति जांचकर बता रहे स्वस्थ जीवनशैली और आहार

Ro.No - 13259/133

25 दिसम्बर तक चलेगा देश का प्रकृति परीक्षण अभियान

18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों का मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा परीक्षण

स्वस्थ रहने हेतु विभिन्न ऋतुओं में आहार-विहार और दिनचर्या के बारे में लोगों को किया गया जागरूक

रायगढ़, भारत सरकार आयुष मंत्रालय तथा संचालनालय आयुष रायपुर छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार रायगढ़ जिले के अंतर्गत संचालित समस्त आयुष संस्थाओं द्वारा बीते 26 नवंबर से ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान संचालित किया जा रहा है। जो आगामी 25 दिसम्बर 2024 तक चलेगा। इस अभियान के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों का मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा प्रकृति का परीक्षण किया जा रहा है।

रायगढ़ के पंजरी प्लांट स्थित आयुर्वेद कार्यालय में लोगों ने प्रकृति परीक्षण अभियान में शामिल होकर आयुर्वेद के फायदे जाने, साथ ही अपने विचार भी व्यक्त किए। इस दौरान श्रीमती उपमा ठाकुर ने बताया कि यहां आने पर पता चला कि व्यक्ति के शरीर में तीन प्रकार की प्रकृति होती है जैसे वात, पित्त, कफ जिसमें वे कौन सी प्रकृति में आते है। उसके अनुसार ही खान-पान के तरीके अपनायें। यहां आयुर्वेद पद्धति के बारे में जानकारी मिली, जिससे व्यक्ति को स्वस्थ रहने हेतु विभिन्न ऋतुओं में आहार-विहार और दिनचर्या के बारे में कैसे रहना है। साथ ही शारीरिक और मानसिक संरचना को समझने एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त हुई। उल्लेखनीय है कि देश का प्रकृति परीक्षण अभियान का उद्देश्य नागरिकों को उनकी प्रकृति के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना है, जिससे बीमारियों की रोकथाम हो सके और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिले। देश का प्रकृति अभियान का उद्देश्य देश के सभी व्यक्तियों को उनकी अद्वितीय आयुर्वेदिक प्रकृति मन-शरीर की संरचना को समझने में सक्षम बनाना है।
आयुर्वेद विभाग द्वारा लगाया जा रहा कैंप,जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ.मीरा भगत ने बताया कि प्रकृति परीक्षण अभियान के तहत जांच शिविर लगाए जा रहे हैं। अब तक करीब 2100 व्यक्तियों का प्रकृति परीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि यह अत्यंत लाभकारी प्रक्रिया है। जिसका अधिक से अधिक लाभ लोगों को उठाना चाहिए। इससे शरीर के प्रकृति के अनुकूल किस प्रकार जीवन शैली और आहार अपनाना चाहिए इसकी जानकारी मिलती है। साथ ही शरीर के प्रकृति के अनुसार होने वाले रोग, उसके लिए रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में भी पता चलता है। इससे विभिन्न ऋतुओं में खुद को कैसे स्वस्थ रखा जाए इसके बारे में विस्तार से चिकित्सक जानकारी देते हैं।
कैसे जानी जाएगी शरीर की प्रकृति इस अभियान के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों का मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा प्रकृति का परीक्षण किया जाना है। प्रकृति परीक्षण की विधि आधुनिक पी-5 चिकित्सा सिद्धांतों-पूर्वानुमान, निवारक, व्यक्तिगत, सहभागितापूर्ण और सटीक चिकित्सा के साथ मेल खाती है। प्रकृति परीक्षण उपरांत समस्त नागरिकों द्वारा निम्न शपथ लिया जाएगा। इस अभियान के तहत पंजीकृत समस्त आयुर्वेद चिकित्सक प्रकृति परीक्षण एप में वॉलंटियर के तौर पर अपने एंड्रॉयड फोन पर लॉगिन करेंगे तथा आम नागरिक प्रकृति परीक्षण एप में ही सिटीजन के तौर पर लॉगिन करेंगे। आयुष चिकित्सक आपके पास आकर आपका प्रकृति परीक्षण फार्म ऑनलाईन भरेंगे। तत्पश्चात् आपको आपकी प्रकृति संबंधी जानकारी एवं उसका प्रमाण पत्र आपको प्रदाय किया जायेगा साथ ही दिनचर्या, ऋतुचर्या एवं आहार-बिहार की जानकारी देंगे।

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