Elephant died due to electrocution, cremation took place in the forest, action may be taken against the electricity department!
कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में फिर एक लोनर हाथी की मौत हो गई. लोनर हाथी झुंड से अलग होकर घूमने निकला था. इसी दौरान जमीन से दस फीट ऊपर लटक रहे 11 केव्ही करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गया. हाथी के मौत की खबर मिलते ही वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया. डीएफओ सहित अधिकारी और कर्मचारी मौके पर जा पहुंचे. उनकी मौजूदगी में पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की. जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा. जंगल में ही मृत हाथी का अंतिम संस्कार किया गया है.
कटघोरा वन मंडल के पसान वन परिक्षेत्र अंतर्गत जल के सर्किल में 60 हाथियों का झुंड डेरा डाला हुआ है. इस झुंड में एक लोनर हाथी भी शामिल था, जो झुंड से अलग आसपास ही विचरण कर रहा था. सोमवार की सुबह भी लोनर हाथी विचरण के लिए निकला था. दंतैल पनगवां के बैगापार खंजरपार के जंगल से गुजर रहा था.इसी दौरान 11 केव्ही करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गया. जिससे हाथी की मौके पर ही मौत हो गई. यह तार विद्युत वितरण विभाग की तरफ स क्षेत्र में बिजली आपूर्ति के लिए लगाया गया था. दो खंभों के बीच तनाव कम होने के कारण विद्युत प्रवाहित तार जमीन से महज दस फीट की उंचाई पर लटक रहा था. जिससे यह अनहोनी घटित हुई. जैसे ही करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से लोनर हाथी के मौत की खबर मिली, वन अमले में हड़कंप मच गया.
करंट से हाथी की मौत की बात आ रही सामने:
कोरबा के सरहदी इलाके में जब हाथी जंगल में घूम रहा था. तभी वह 11केवी हाई टेंशन वायर की चपेट में आ गया. वन विभाग की जांच में यह बात सामने आई है कि यहां 11 केवी का वायर जमीन के कुछ ऊपर लटक रहा था. वन विभाग ने इसकी जांच की है. यह पूरा मामला कटघोरा वन मंडल के पसान वन परिक्षेत्र के तनेरा सर्किल का है. बीते कुछ दिनों से हाथियों का एक दल तनेरा जंगल क्षेत्र में घूम रहा था. इस दल से अलग एक हाथी दो पहाड़ी के बीच बने रास्ते से गुजरते समय करंट तार की चपेट में आ गया था. जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी.
हाथी का किया गया अंतिम संस्कार
डीएफओ कुमार निशांत सहित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर जा पहुंचे. अफसरों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. तत्पश्चात वैधानिक कार्रवाई पूरी करते हुए पशु चिकित्सा विभाग को सूचना दी गई. वन विभाग की सूचना पर कटघोरा के पशु चिकित्सक श्री साहू, श्री पैकरा व पौड़ी के डॉ. पटेल मौके पर पहुंचे. पशु चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने वन अफसरों की मौजूदगी में देर शाम पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की. जिसे जांच के लिए लैब भेजा जाएगा. बहरहाल वन अफसरों की देखरेख में देर शाम मौके पर ही हाथी का अंतिम संस्कार किया गया है.
वन विभाग ने बिजली विभाग को लिखा था पत्र:
इस इलाके में 11 केवी के तार को बिछाया गया है. जिसके जरिए बिजली की सप्लाई की जा रही है. यह तार लूज होकर दो पोल के बीच में जमीन की ओर लटका हुआ है. इसकी ऊंचाई बहुत कम थी. जिसमें कोई भी हाथी आसानी से इसकी गिरफ्त में आ सकता है. सामान्य तौर पर औसत हाथी की ऊंचाई 9 से 10 फीट तक होती है. जबकि जिस स्थान पर घटना घटी है, वहां तार की ऊंचाई 8 फ़ीट से भी कम थी.जिससे यह घटना घटी है. वन विभाग ने यह जानकारी भी दी है कि ऐसे कुछ स्थलों की पहचान कर उसके बारे में बिजली विभाग को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन बिजली विभाग की तरफ से इस दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है.
दांत को वन मंडल कार्यालय में रखा गया
कटघोरा वन मंडल में करंट की चपेट में आने से दंतैल की मौत हो गई. जिसका फायदा असामाजिक तत्व उठा सकते थे. कमाई के लालच में दांत की चोरी की जा सकती थी, जिसे देखते हुए एहतियातन दोनों दांत को मृत हाथी से अलग कर लिया गया है. इन दांतों को विधिवत वन मंडल कार्यालय में सुरक्षित रखा जाएगा. प्रधान मुख्य संरक्षक वन्य प्राणी अवगत कराते हुए अनुमति ली जाएगी. उनकी अनुमति के बाद विधिवत दांत का विनष्टीकरण किया जाएगा.
दोषियों पर गिर सकती है कार्रवाई की गाज
क्षेत्र में लंबे समय से को बिजली आपूर्ति के लिए लगाए तार से हाथियों का झुंड डेरा डाला हुआ है. हाथियों खतरा बना हुआ था. ग्रामीणों ने करीब छह माह पहले मौके पर करंट प्रवाहित तार लटके होने की जानकारी दी थी. जिसे गंभीरता से लेते हुए वन विभाग ने विद्युत वितरण विभाग को सुधार के लिए पत्राचार किया गया था, इसके बावजूद किसी तरह की पहल नहीं की गई. अब इस पूरे मामले में पीयूआर किया जाएगा. साथ ही जांच उपरांत वैधानिक कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.
वन मंडलाधिकारी कटघोरा कुमार निशांत ने बताया कि पसान वन परिक्षेत्र के जल के सर्किल में करंट से हाथी की मौत हुई है. पशु चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार किया गया है. मामले में पीयूआर और जांच उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. दांत को विधिवत वन मंडल कार्यालय में रखा जाएगा.