Vishnu Dev will be the guardian of Chhattisgarh, MLAs took unanimous decision
आखिर कशमकश की घड़ियां समाप्त हुईं। भाजपा के पर्यवेक्षकों को उपस्थिति में छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा विधायकों ने सर्वसम्मति से कुनकुरी विधायक विष्णुदेव साय को अपना नेता चुन लिया। अब
विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे. बीजेपी विधायक दल की रविवार , 10 दिसंबर 2023 को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. पहले से ही यह अनुमान जताया जा रहा था कि अगर भाजपा 2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह को नहीं चुनती है तो वह किसी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) या आदिवासी समुदाय से ही मुख्यमंत्री को चुनेगी और हुआ भी ऐसा ही. राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर अनिश्चितता को खत्म करते हुए भाजपा के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की अहम बैठक में विष्णु देव साय के नाम पर मुहर लगा दी गई.
आदिवासी समुदाय से आने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय के अलावा विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय दावेदारों में शामिल थे.
राज्य की आबादी में आदिवासी समुदाय की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और भाजपा ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 सीट जीती हैं. भाजपा ने 2018 में आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट में केवल तीन सीट जीती थीं. उसने इस बार आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में सभी 14 सीट पर जीत हासिल की है.
कांग्रेस ने 2018 में संभाग की सभी 14 सीट जीती थीं. विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं. विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे चुके साव और नौकरशाह से नेता बने ओ पी चौधरी दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं तथा मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल थे.
साव प्रभावशाली साहू (तेली) समुदाय से आते हैं जिनकी दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभागों में बड़ी उपस्थिति है. राज्य की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं. वहीं 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही.