रीडर्स फर्स्ट। रायगढ़

तमनार क्षेत्र में प्रस्तावित कोल आधारित केलो स्टील एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड की परियोजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जनसुनवाई की तारीख नजदीक आते ही ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का विरोध तेज होता जा रहा है । पर्यावरणीय नुकसान, हवा-पानी की गुणवत्ता में गिरावट, और स्थानीय संसाधनों पर खतरे की आशंका को लेकर लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं।
पर्यावरण पर मंडरा रहा खतरा, लोगों में गहरा असंतोष
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह कोल बेस्ड प्रोजेक्ट न केवल वायु प्रदूषण बढ़ाएगा बल्कि पहले से ही संकटग्रस्त तमनार की प्रकृति को और अधिक हानि पहुंचाएगा। ग्रामवासियों का अनुभव यह रहा है कि उद्योग शुरू होने से पहले जो वादे किए जाते हैं – जैसे प्रदूषण नियंत्रण, हरित क्षेत्र का विकास, जनसहभागिता – वे कभी धरातल पर नहीं उतरते। यही कारण है कि अब लोगों का उद्योगों पर से विश्वास उठता जा रहा है।
जल, जंगल और जमीन की लंबी लड़ाई
तमनार क्षेत्र वर्षों से जल, जंगल और जमीन” की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहा है। कई बार धरना, प्रदर्शन और आंदोलन कर स्थानीय समुदाय ने अपनी आपत्तियाँ दर्ज करवाई हैं। लेकिन उनकी आवाज़ें अक्सर या तो अनसुनी कर दी जाती हैं या दबा दी जाती हैं। अब इस क्षेत्र के लोग नई परियोजनाओं के खिलाफ अधिक मुखर हो गए हैं।
कहां उपलब्ध है ईआईए रिपोर्ट और कैसे जताएं आपत्ति?
इस परियोजना से संबंधित पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) रिपोर्ट हिंदी और अंग्रेजी में निम्न स्थानों पर उपलब्ध है
- जिला पंचायत कार्यालय, रायगढ़
- कलेक्टर कार्यालय, रायगढ़
- जनपद पंचायत कार्यालय
- छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की वेबसाइट: www.cgpcb.gov.in
सामान्य जन अपनी राय या आपत्तियाँ जनसुनवाई की तिथि (15 मई) से पहले संबंधित अधिकारियों को लिखित में भेज सकते हैं या स्वयं जनसुनवाई में भाग लेकर प्रत्यक्ष रूप से अपनी बात रख सकते हैं।
जनसुनवाई की राह आसान नहीं
परियोजना को लेकर चल रहे विरोध को देखते हुए यह स्पष्ट है कि 15 मई को होने वाली जनसुनवाई में केलो स्टील एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड को ग्रामीणों के तीखे सवालों और आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी किस प्रकार से लोगों को अपने पक्ष में करने का प्रयास करती है। फिलहाल तो पर्यावरण और जीवन के प्रति लोगों की चिंता इस परियोजना की राह में बड़ी चुनौती बनती दिख रही है।