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डेंगू के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने 16 मई को मनाया जाएगा राष्ट्रीय डेंगू दिवस

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National Dengue Day will be celebrated on 16 May to increase public awareness about dengue

डेंगू की रोकथाम है सर्वोच्च प्राथमिकता- श्याम बिहारी जायसवाल

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प्रदेश में डेंगू पर प्रभावी नियंत्रणः सरकार की रणनीति से 65 प्रतिशत की कमी

स्वास्थ्य विभाग की सतत निगरानी और जनजागरूकता अभियान से मिली बड़ी सफलता

रायपुर / प्रदेश में डेंगू नियंत्रण के लिए किए गए ठोस उपायों का सकारात्मक परिणाम डेंगू के मामलों में कमी के रूप में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की समन्वित रणनीतियों तथा व्यापक जनजागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप वर्ष 2025 की पहली तिमाही में डेंगू के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। जनवरी से अप्रैल माह के दौरान राज्य में डेंगू के मामलों में 65 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किए जा रहे सुदृढ़ प्रयासों की प्रभावशीलता को दर्शाती है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार ने डेंगू की रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। समय रहते प्रभावी कदम उठाए गए, जिसका परिणाम है कि आज डेंगू के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिल रही है। यह सफलता सरकार और जनता, दोनों के सहयोग का प्रतिफल है।” डेंगू नियंत्रण की दिशा में यह सकारात्मक प्रगति प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली की सजगता और प्रभावशीलता का परिचायक है।

विदित हो कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण भी डेंगू नियंत्रण में एक प्रमुख कारक रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। डेंगू की शीघ्र जांच और उपचार के लिए विशेष जांच शिविर लगाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को समय पर इलाज मिलना संभव हो पाया है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों एवं डॉक्टरों की टीम को विशेष प्रशिक्षण देकर डेंगू जैसी बीमारियों के उपचार में दक्ष बनाया गया है।

फॉगिंग, सर्वे और इलाज का दिखा असर

डेंगू नियंत्रण को लेकर सरकार की सजगता, समयबद्ध फॉगिंग, घर-घर सर्वेक्षण, लार्वा नियंत्रण और प्राथमिक उपचार की बेहतर व्यवस्था ने मिलकर यह परिणाम दिलाया है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर,रायगढ़ जैसे शहरी जिलों में जहां डेंगू के केस ज्यादा आते थे, वहां भी मामलों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। स्वास्थ्य विभाग के अभियानों के साथ-साथ आम नागरिकों ने भी घरों और आसपास की सफाई, जल जमाव रोकने जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। पंचायतों, स्कूलों और नगरीय निकायों द्वारा जागरूकता रैलियां और कार्यक्रम आयोजित किए गए।

डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता आवश्यक

डेंगू एक गंभीर वायरल बुखार है, जो एडिस मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर मुख्यतः दिन के समय सक्रिय रहते हैं और साफ, स्थिर पानी में पनपते हैं। इसलिए, घरों और आसपास के क्षेत्रों में जलजमाव को रोकना अत्यंत आवश्यक है। पानी की टंकियों, कूलरों, गमलों, पुराने टायरों और अन्य बर्तनों को नियमित रूप से खाली और साफ करें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें। मच्छरदानी का प्रयोग मच्छरों से बचाव का सस्ता, सरल, प्रभावी और हानिरहित उपाय है। इसके अलावा, घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं ताकि मच्छर घर में प्रवेश न कर सकें। यदि डेंगू के लक्षण जैसे तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते आदि दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। डेंगू के उपचार के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, लेकिन उचित देखभाल और चिकित्सकीय सलाह से रोगी की स्थिति में सुधार संभव है। इसलिए, डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता और सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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