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मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी का बयान कहा कि पीएम मोदी का मंदिर उद्घाटन करना और कार्यक्रम में शामिल होना इंसाफ और सेकुलरिज्म का कत्ल है.

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Maulana Khalid Saifullah Rahmani’s statement said that PM Modi inaugurating the temple and participating in the program is a murder of justice and secularism.

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अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है. 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसी दिन भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी. जिसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. इन सबके बीच सियासत भी गरमाई हुई है. पीएम मोदी के जरिए मंदिर का उद्घाटन करने को लेकर विपक्ष से लेकर तमाम मुस्लिम संगठनों के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं.

इंसाफ और सेकुलरिज्म का कत्ल है- AIMPLB
इसी कड़ी में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम मोदी के शामिल होने को लेकर आपत्ति जताई है. मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा है कि पीएम मोदी का मंदिर उद्घाटन करना और कार्यक्रम में शामिल होना इंसाफ और सेकुलरिज्म का कत्ल है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल

शनिवार (13 जनवरी) को जारी एक बयान में मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के लेटर हेड पर जारी अपने बयान में कहा है, “अयोध्या में जो हो रहा है वह सरासर क्रूरता पर आधारित है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि उसके नीचे कोई मंदिर नहीं था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई हो और इस बात का भी कोई साक्ष्य (सबूत) नहीं है कि श्री रामचन्द्रजी का जन्म उस स्थान विशेष पर हुआ था. कोर्ट ने कानून से अलग बहुसंख्यक संप्रदाय के एक वर्ग की ऐसी आस्था के आधार पर यह फैसला दिया है जिसका उल्लेख हिंदू भाइयों के पवित्र ग्रंथों में नहीं है. यह निश्चित रूप से देश के लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला है. इस फैसले ने मुसलमानों के दिलों को ठेस पहुंचाई है.”

‘दीप जलाना गैर इस्लामी’

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन देश भर में दीप जलाने की अपील पर मौलाना रहमानी ने कहा कि अगर हिन्दू भाई मंदिर निर्माण की खुशी में दीप जलाते हैं या नारा लगाते हैं तो हमें इस पर आपत्ति नहीं है, लेकिन मुस्लिमों के लिए इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेना गैर-इस्लामी अमल है.
मौलाना रहमानी ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि 22 जनवरी को दीप जलाना चाहिए और श्रीराम का नारा लगाया जाना चाहिए. देश के मुसलमान को यह समझ लेना चाहिए कि यह मुशरिकाना अमल है.

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