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रायगढ़ के लिए गौरव का क्षण , रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रायगढ़ की प्रतिष्ठा बनेंगे आचार्य राकेश कुमार

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A moment of pride for Raigarh, Acharya Rakesh Kumar will become the consecrator of Raigarh in the Ramlala Pran Pratishtha ceremony.

रायगढ़ । अयोध्या सज रही है। नगर के गली-कूचे भी चमकाए जा रहे हैं। उत्सव का माहौल है, क्योंकि शताब्दियों की प्रतीक्षा के उपरांत अयोध्या में मंदिर में रामलला विराजेंगे। 22 जनवरी को अयोध्‍या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी और इसी के साथ भगवान श्री राम जी का ननिहाल भी अपने भांजे राम के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है । घरों में ,गलियों में, चौक चौराहों पर केवल राम नाम की धुन सुनाई दे रही है । ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो साक्षात भगवान राम लंका विजय के बाद आज ही अपने घर पधार रहे हैं । इस पवित्र अवसर पर छत्तीसगढ़ की संस्कार धानी रायगढ़ से आचार्य राकेश अकेले उस मंच पर रहेंगे जहां भगवान राम जी की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है ।

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इस भव्य उत्सव का निमंत्रण मिलना मेरा सौभाग्य है । आचार्य राकेश ने बताया कि 500 सौ वर्षों के संघर्ष , लाखों श्रद्धालुओं के बलिदान , लाखों साधु संतों की तपस्या के बाद बन रहे रामलला के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुँचना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है । 140 करोड़ भारत वांसियो में लगभग 8 हज़ार लोग उस समारोह में रहेंगे। उनमें मेरा एक होना मेरे लिए जीवन पर्यंत गौरवान्वित करने वाला क्षण है ।

आपको बता दें कि रायगढ़ ज़िले से आचार्य राकेश संत के रूप में अकेले इस समारोह में सम्मिलित होंगे । इस महत्वपूर्ण आयोजन में रायगढ़ ज़िले से तीन संतों को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से 3 संतों को निमंत्रण प्राप्त हुआ था परन्तु स्वास्थ्य गत कारणों से 2 अन्य संत इस समारोह में सम्मिलित होने में असमर्थ हैं । आचार्य राकेश अब अकेले ही इस समारोह में रायगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगे । विदित हो कि आचार्य राकेश छत्तीसगढ़ संत समिति के उपाध्यक्ष हैं ।

महज़ 22 वर्ष की अवस्था में नैष्ठिक ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेकर समाज सेवा से जुड़े रहे आचार्य राकेश कुमार अनेक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की इकाई ,धर्मजागरण समन्वय में विगत 6 वर्षों से प्रांतीय अधिकारी के रूप में अपनी सेवायें दे रहे हैं। इसके साथ ही विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के सदस्य भी हैं । वर्तमान में अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ प्रांत के उपाध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं ।

उच्च शिक्षित है आचार्य राकेश कुमार

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जन्म लेने वाले आचार्य राकेश ने का शास्त्री तथा आचार्य तक की शिक्षा उड़ीसा में प्राप्त की । तत्पश्चात बिलासपुर में एमफ़िल तक की पढ़ाई की । ध्यातव्य है कि आचार्य की उपाधि में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर आपने विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है । उच्च शिक्षित होने के बावजूद आपने समाज सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया यह अत्यंत ही श्लाघनीय है ।

आचार्य राकेश की अनेक सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका रही है । रायगढ़ जिले के पुसौर तहसील स्थित ग्राम तुरंगा में विद्यालय तथा गुरुकुल का संचालन करना एवम् आस पास साथ साथ पूरे छत्तीसगढ़ के सामाजिक कार्यों में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है । अखिल भारतीय संत समिति ने जब सनातन के संवर्धन तथा सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध शंखनाद किया तब आपने जशपुर से लेकर रायपुर तक पद यात्रा की तथा शौर्य यात्रा एवम् साधु संतों , वैगा गुनिया, पाहन पुजारी, कथावाचक तथा गाँव गाँव में रहने वाले गणमान्य जनों को एक सूत्र में पिरोकर संस्कृति हेतु कार्य के लिए प्रेरित किया । इस विषय को लेकर आचार्य राकेश अभी भी विविध कार्यक्रम तथा आयोजन करते आ रहे हैं । आपके द्वारा विभिन्न सम्मेलनों का आयोजन कर अनेक सामाजिक कार्यों को सम्पन्न कराया जाता है ।

राम मंदिर पर आचार्य ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक उपक्रम नहीं है, बल्कि शताब्दियों से चले आ रहे विवाद के समापन का प्रतीक है। यह मंदिर एक आशा की किरण बनकर उभर रहा है, जो राष्ट्रीय गौरव और एकजुटता की भावना को बढ़ावा दे रहा है। मंदिर निर्माण के पूर्ण होने के उपरांत दुनिया भर के भक्त और पर्यटक यहां खींचे चले आयेंगे , ऐसी आशा है । अयोध्या एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित होगा । उसके साथ साथ इस हिंदुस्थान को सच्चे अर्थों में हिंदू राष्ट्र कहने में गौरव अनुभव होगा ।

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