MLA Indra Sao weighed the flag on the occasion of Mahashivratri at Prajapita Brahmakumari Ishwariya Vishwavidyalaya.
सौरभ बरवाड़@भाटापारा- ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एल.आई.सी. ऑफिस के पीछे, नरसिंग बिहार कॉलोनी, गांधी मंदिर वार्ड में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 6 से 10 मार्च रविवार तक शाम 5 से रात 9 बजे एवं महाशिवरात्रि के दिन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक द्वादश ज्योतिर्लिंग की झांकी लगाई गई है। जिसका मुख्य आकर्षण 25 फीट ऊंचा शिव लिंग, आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी एवं गहन योग अनुभूति कार्यक्रम आयोजित किये गये है। जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में विद्यमान द्वादश ज्योतिर्लिंग के दिव्य दर्शन एक ही जगह पर सामान्य जन कर रहे है। जो एक अद्भूत अनुभव है।
इस शुभ व दिव्य अवसर पर महाशिवरात्रि के दिन 8 मार्च को स्थानीय विधायक इन्द्र साव के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम सम्पन्न हुए। सर्वप्रथम प्रातः 9 बजे प्रजापिता ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में विधायक इन्द्र साव द्वारा झंडा तोलन किया गया। इसके बाद उन्होंने वहां स्थापित 25 फीट ऊंचे द्वादश शिवलिंग का दर्शन कर, संस्था द्वारा लगाई गई आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन (दर्शन लाभ) भी किया।
इसी अवसर पर विधायक इन्द्र साव ने अपने उद्बोधन में संस्था द्वारा किये जा रहे कार्याे की प्रशंसा करते हुए कहां कि, इस संस्था का प्रमुख मुख्यालय राजस्थान के माउंट आबू में है वहीं भाटापारा में भी इस संस्था की स्थापना पिछले कई वर्षों से की गई है। यह संस्था एक लंबेे समय से भाटापारा शहर तथा यहां के आस-पास के क्षेत्रों में धर्म-आध्यतम के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करते हुए, निरंतर और भी कई धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक जैसे कई विभिन्न प्रकार के आयोजन करती रहती है। जो सराहनीय तो है ही, परंतु इन लोकोपयोगी कार्यो से जन सामान्य में इस संस्था के प्रति आम लोगों में अच्छी धारणाएं बनती जा रही है, व बहुत से लोग इससे जुड़ते चले जा रहे है, जो अच्छी बात है। मै इस संस्था के बीच आकर अपने आप को गौरवान्वित भी महसूस करता हूॅ और मै इस संस्था से जुड़े सभी लोगों का आभार भी व्यक्त करता हॅू।
वहीं इस संस्था की राजयोग शिक्षिका बी.के. मंजू दीदी ने बताया कि आज महाशिवरात्रि शिव के दिव्य अवतरण का दिन है। जब इस धरा पर चारों ओर अज्ञान का अंधकार छाया होता है तथा मनुष्य आत्माएं काम, क्रोध, लोभ एवं अंहकार रूपी विकारों के वशीभूत हो जाती है तब ऐसे धर्म ग्लानि के समय मनुष्यों को निर्विंकार और पवित्र बनाने के लिए परमात्मा शिव का दिव्य अवतरण होता है।