Mamta is creating fear among the people. On CAA, Amit Shah said to Mamata, ‘She does not understand the difference between refugees and infiltrators…’
देश में CAA की अधिसूचना जारी होने के ममता बनर्जी ने इसकी टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि हम सीएए को न तो स्वीकार करते हैं और न करेंगे. इसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी को शरणार्थी-घुसपैठिए में अंतर नहीं पता है. समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा कि मेरा उनसे निवेदन है वो CAA मामले में राजनीति ना करें.
शाह ने कहा कि ममता लोगों में खौफ पैदा कर रही हैं. उन्हें घुसपैठ रोकनी चाहिए जो वो नहीं कर रही हैं. शाह ने कहा कि राजनीति करने के हजारों मंच हैं, लेकिन बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदू का अहित न करें क्योंकि आप भी एक बंगाली हैं. सीएए कानून किसी की नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है. वे खौफ पैदा कर रही हैं. हिन्दू और मुसलामानों के बीच विवाद वे कराना चाहती हैं.
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह CAA को अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगी, जिसे उन्होंने नौटंकी करार दिया था और लोगों से नागरिकता के लिए आवेदन नहीं करने को कहा था. क्योंकि ऐसा करने से वे नागरिकता की श्रेणी में आ जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि ‘अवैध प्रवासियों’ से उनके अधिकार छीन लिए जाएंगे.’
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले 11 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CAA के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया. CAA का उद्देश्य सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं. जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान चले गए थे और 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं.
वो दिन दूर नहीं जब बंगाल में बनेगी बीजेपी की सरकार
शाह ने कहा कि सीएए को कभी वापस नहीं लिया जाएगा. ममता बनर्जी शरण लेने और घुसपैठ करने के अंतर को नहीं समझती. उन्होंने कहा कि हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है. हम इस पर समझौता नहीं करेंगे. वो दिन दूर नहीं जब बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी. बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने के बाद हम घुसपैठ को रोकेंगे. ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं.