जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय समीपस्थ ग्राम पुटपुरा में संगीतमय श्रीमदभागवत कथा का आयोजन स्व लंबोदर तिवारी,स्व कुमुदनी देवी तिवारी के वार्षिक श्राद्ध एवं मृत आत्मा की शांति लिए यह आयोजन। पुटपुरा के मालगुजार तिवारी परिवार में कराया जा रहा है। जिसके कथा वाचक जर्वे हरदी के कथा व्यास पंडित रमेश चौबे ने
सतावे दिन की कथा सुनाते हुए कहा – संयम साधना की आधारशीला है। संयम में ही जीवन की सौंदर्यता, माधुर्यता और पूर्णता निहित है। प्रकृति के सन्तुलन का आधार भी संयम ही है…। मानव जीवन में संयमशीलता की आवश्यकता को सभी विचारशील व्यक्तियों ने स्वीकार किया है। सांसारिक व्यवहारों एवं सम्बन्धों को परिष्कृत तथा सुसंस्कृत रूप में स्थित रखने के लिए संयम की अत्यन्त आवश्यकता है। संसार के प्रत्येक क्षेत्र में जीवन के प्रत्येक पहलू पर सफलता, विकास एवं उत्थान की ओर अग्रसर होने के लिए संयम की भारी उपयोगिता है। विश्व के महान पुरुषों की जीवनीयों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि उन्होंने जीवन में जो भी सफलता, उन्नति, श्रेय, महानता, आत्म- कल्याण आदि की प्राप्ति की, उनके कारणों में संयमशीलता की प्रधानता है। संयम के पथ पर अग्रसर होकर ही उन्होंने अपने जीवन को महान बनाया। इसमें कोई संदेह नहीं कि संयमशीलता के पथ पर चल कर ही मनुष्य महामानव बनता है, देवता बनता है और बनता है जन-जन का प्रिय, जिसके पीछे चलकर मानव जाति धन्य हो जाती है। कथा श्रवण करने मुख्य यजमान जवाहर तिवारी-श्रीमती चंद्रकांति तिवारी, इंदू शेखर तिवारी, श्रीमती सत्या तिवारी, दीपक तिवारी, श्रीमती मंजू तिवारी, रामायण पांडे कमला पांडे मृदुला शर्मा राकेश तिवारी, अन्नी तिवारी,साकेत तिवारी, गोल्डी,गोलू तिवारी, नवदीप तिवारी, प्रताप तिवारी,संजय तिवारी, राधेश्याम शास्त्री, कान्हा तिवारी, शंभू तिवारी, नीति तिवारी, रानू तिवारी,डॉ पूर्वा तिवारी,भारती,सोनल तिवारी, गुड्डी, बेबी, स्मिता, पल्लवी शुक्ला, रूपा तिवारी,स्वाति तिवारी , रूपा तिवारी,आशी , बोनू तिवारी, नयन तिवारी,अजय राठौर , किशोर राठौर रामायण राठौर तोशल राठौर सुखराम बरेठ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।