Liquor scam: ED’s big action in Chhattisgarh liquor scam case, former IAS Anil Tuteja and his son Yash arrested
छत्तीसगढ़ के रायपुर में 21 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में कथित 2000 करोड़ के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी पर बड़ा एक्शन लिया है. ईडी ने आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को गिरफ्तार किया है.

संघीय एजेंसी (Federal Agency) ने 2003 बैच के अधिकारी को शनिवार को रायपुर में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) (Economic Offences Wing (EOW)/Anti Corruption Bureau) कार्यालय से हिरासत में लिया था, जहां आईएएस और उनके बेटे यश टुटेजा उसी मामले में अपना बयान दर्ज करने गए थे.
शनिवार को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में बयान दर्ज कराने दोनों पहुंचे थे. पांच घंटे की पूछताछ के बाद ईडी के टीम ने दोनों को ईओडब्लू ऑफिस से बयान दर्ज कराने के बाद कार्यालय से बाहर निकलने के दौरान गिरफ्तार कर लिया.
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके बेटे को पूछताछ करने पचपेड़ी नाका स्थित ईडी के सब जोनल कार्यालय ले जाया गया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों शराब घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों को खारिज करते हुए मनी लांड्रिंग के केस को रद्द कर दिया था. जवाब में ईडी ने शराब घोटाला मामले में नए सिरे से इंन्फोसर्मेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) रजिस्टर्ड कर मामले की नए सिरे से जांच शुरू की. ईसीआईआर में अनील टूटेजा और उनके बेटे का भी नाम शामिल है. जिसके चलते दोनों को हिरासत में लिया गया है.
पिछले साल हुए थे रिटायर्ड
अनिल टुटेजा पिछले साल सर्विस से रिटायर्ड हुए थे. सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाल ही में आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित अपनी पिछली एफआईआर को रद्द करने के बाद ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया था. पिछले साल जुलाई में ईडी ने रायपुर की एक पीएमएलए अदालत में कथित शराब घोटाला मामले में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें उसने दावा किया था कि 2019 में शुरू हुए कथित शराब घोटाले में 2,161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया था. यह राशि राज्य के खजाने में जानी चाहिए थी.
70 लोगों के खिलाफ दर्ज किया था मामला
ईडी ने दावा किया कि अनिल टुटेजा और व्यवसायी अनवर ढेबर (कांग्रेस नेता और रायपुर के मेयर ऐजाज ढेबर के भाई) के नेतृत्व में एक आपराधिक सिंडिकेट ने इन रुपयों का गबन किया. इस साल की शुरुआत में, छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी ईडी की एक रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस नेताओं और कंपनियों सहित 70 लोगों के खिलाफ कथित शराब घोटाले में मामला दर्ज किया था.
ईओडब्ल्यू भी कर रही जांच
ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू भी तथाकथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही है। इस मामले में ईडी की रिपोर्ट आने के बाद ईओडब्ल्यू ने भी जांच शुरू कर दी थी। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को खारिज करते हुए केस रद्द कर दिया था। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने इन्फोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) रजिस्टर कर मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इस रिपोर्ट में अनिल टुटेजा का भी नाम शामिल है जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।