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संदेशखाली मामला संदेशखाली छापेमारी मामले में चुनाव आयोग पहुंची CBI की शिकायत, लगाए गंभीर आरोप

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Sandeshkhali case: CBI complaint reaches Election Commission in Sandeshkhali raid case, makes serious allegations

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली के मुद्दे पर तनातनी जारी है। अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने संदेशखाली के आरोपी शाहजहां शेख के एक कथित सहयोगी के दो ठिकानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की छापेमारी सवाल उठा दिए हैं। टीएमसी ने शनिवार, 27 अप्रैल को सीबीआई छापेमारी के खिलाफ चुनाव आयोग का रुख किया है।

 

पार्टी ने कहा कि एजेंसी की कार्रवाई का उद्देश्य लोकसभा चुनाव के बीच पार्टी की छवि खराब करना है। वहीं, विदेशी हथियारों और गोला बारूद की बरामदगी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी ने बीजेपी पर सीबीआई और एनएसजी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया।

टीएमसी ने ये आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की छवि खराब करने के लिए खाली जगह पर छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान सीबीआई ने एक पुलिस रिवॉल्वर और विदेश निर्मित आग्नेयास्त्रों सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया था.
टीएमसी की शिकायत में क्या?

टीएमसी ने चुनाव अधिकारी को लिखी चिट्ठी में कहा, “पहले भी, हमने आपका ध्यान असंयमित दिशानिर्देशों/ढांचे की जरूरत की ओर दिलाया था ताकि केंद्रीय जांच एजेंसियां एआईटीसी समेत विभिन्न राजनीतिक दल जो सत्तारूढ़ सरकार के विरोधी हैं, उनके अभियान प्रयासों को विफल न कर सकें. हालांकि, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद,आपके कार्यालय ने आंखें मूंद ली हैं, जबकि केंद्रीय जांच एजेंसियां देश भर में कहर बरपा रही हैं, खासकर चुनाव के दौरान.”

टीएमसी ने कहा, “पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ. जब चुनाव चल रहे थे तो सीबीआई ने जानबूझकर संदेशखाली में एक खाली जगह पर छापेमारी की. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि सीबीआई ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के बम दस्ते सहित अतिरिक्त बलों को बुलाया है। यह भी बताया गया है कि ऐसी छापेमारी के दौरान एक घर से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है.”
राज्य सरकार को सूचित नहीं किया

टीएमसी ने दावा किया कि सीबीआई ने छापेमारी करने से पहले राज्य सरकार या पुलिस को सूचित नहीं किया। सीबीआई छापेमारी के लिए एक बम निरोधक दस्ता लेकर आई, जबकि राज्य पुलिस के पास पूरी तरह कार्यात्मक बम निरोधक इकाई थी।

पार्टी ने सीबीआई पर छापे की जानकारी पहले ही मीडिया को देने का आरोप लगाया। छापेमारी के दौरान बरामद हथियारों को ठिकाने लगाने का आरोप भी सीबीआई और एनएसजी पर लगाया गया।

मीडिया वाले पहले से थे मौजूद
टीएमसी ने कहा कि यह देखना और भी आश्चर्यजनक है कि राज्य प्रशासन के मौके पर पहुंचने से पहले ही मीडिया कर्मी इस तरह की छापेमारी के दौरान पहले से ही मौजूद थे। ऐसे समय में यह पहले से ही देश भर में खबर थी कि छापेमारी के दौरान हथियार बरामद किए गए थे। पार्टी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या ये हथियार वास्तव में तलाशी और जब्ती प्रक्रिया के दौरान बरामद किए गए थे या क्या उन्हें सीबीआई/एनएसजी द्वारा गुप्त रूप से रखा गया था।

चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि हमने आपको पहले भी असयंमित दिशा निर्देशों/ढांचे की जरूरतों की ओर ध्यान दिलाया था। लेकिन आपके कार्यालय ने आंखें बंद कर ली हैं। जबकि केंद्रीय एजेंसियां खासतौर पर चुनाव के दौरान देशभर में कहर बरपा रही हैं।

‘अपराधियों के बल बूते पर ममता की सरकार चलती है’

इस बीच टीएमसी और बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. बीजेपी नेता बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने संदेशखाली में हथियार मिलने पर सूबे की ममता सरकार पर हमला बोला है. गिरिराज सिंह का कहना है कि अपराधियों के बल बूते पर ममता बनर्जी की सरकार चलती है. बीजेपी नेता ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में खासतौर पर मुसलमानों को तरजीह दी जा रही है.

TMC ने की सीबीआई की शिकायत

वहीँ सीबीआई की जांच को लेकर TMC पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर छापेमारी करने के लिए सीबीआई के खिलाफ शिकायत की है.TMC का सीबीआई के खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान छापेमारी कर पार्टी की छवि ख़राब करने का आरोप लगाया है.

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