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25 लाख की रिश्वत के मामले में कलेक्टर निपटे,भजनलाल सरकार ने पद से हटाया

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Collector settled in bribery case of Rs 25 lakh, Bhajanlal government removed him from the post

राजस्थान में 25 लाख रुपये के रिश्वत केस में फंसे दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका को भजनलाल सरकार ने पद से हटाकर एपीओ कर दिया है. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने दूदू कलेक्टर को एपीओ करके भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का मैसेज दिया है. चूंकि अभी लोकसभा चुनाव चल रहे हैं लिहाजा अब उनकी जगह किसी IAS को लगाने या अतिरिक्त चार्ज देने से पूर्व भारत चुनाव आयोग की मंजूरी ली जाएगी.

 

दरअसल रिश्वत के ऐसे मामले में सरकार किसी आरोपी अधिकारी या कर्मचारी को पुलिस अभिरक्षा में 48 घंटे में रहने के बाद एपीओ करती है. लेकिन इस केस में चुनाव के दौरान रिश्वत प्रकरण में प्रथम दृष्टया कलेक्टर की संलिप्तता मानते हुए हनुमान मल ढाका को एपीओ किया गया है. इसके पीछे तर्क यह भी है कि पद पर रहते हुए और कोई हेराफेरी नहीं कर दी जाए. तथ्यों और प्रमाणों से कहीं छेड़छाड़ ना हो. इसलिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए दूदू कलेक्टर को एपीओ किया है.

मामला जमीन कनर्वजन से जुड़ा हुआ थ। जिसमें परिवादी से कलेक्टर ने पटवारी के जरिए 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के अनुसार रिश्वत की राशि में से 7.5 लाख रुपए कलेक्टर द्वारा अपने डाक बंगले पर मंगवाया जाना रिकॉर्डिंग वार्ता में स्पष्ट हुआ है।
यह था मामला

एंटी करप्शन ब्यूरो के डीआईजी डॉ रवि के अनुसार पीड़ित ने शिकायत दी थी कि दूदू में उनके फर्म के नाम से 204 बीघा जमीन है। इसके कुछ खसरा और रकबा तालाब पाल क्षेत्र में होने के बावजूद भी गलत तरीके से डायवर्सन किए जाने की शिकायत किसी ने कर दी थी। शिकायत पर कार्यवाही नहीं करने की एवज में कलेक्टर हनुमान मल ढाका ने हल्का पटवारी हंसराज के माध्यम से पहले 25 लाख रुपए मांगे। बारगेनिंग के बाद रिश्वत की रकम कम कर 21 लाख रुपए की गई। पर प्रार्थी ने रकम नहीं होने का हवाला दिया। जिसके बाद 15 लाख रुपए में सौदा तय हुआ। कलेक्टर ने आधी रकम एडवांस में याने कि साढ़े सात लाख रुपए डाक बंगले में आने को कहा। यह बातचीत एसीबी ने प्रार्थी को टेप देकर रिकार्ड करवाई। प्रार्थी के पास देने के लिए साढ़े सात लाख रुपए की रकम नहीं थी इसलिए ट्रेप की कार्यवाही नही हो सकी। पर रिकार्डेड बातचीत के आधार पर न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर की अदालत से सर्च वारंट ले एडिशनल एसपी सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार देर रात एक बजे रेड की कार्यवाही की गई।

रेड के दौरान कलेक्टर व पटवारी का फोन भी एसीबी ने जब्त कर लिया। शुक्रवार दिन रात से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ढाका और पटवारी के ठिकानों के साथ ही उनके बैंक खातों को खंगाल रही है। उनकी संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी गई है। साथ ही जमीन के डायवर्सन से संबंधित पिछले तीन माह में जितने भी प्रकरण कलेक्टर द्वारा निपटाए गए हैं उन सभी की संबंधित फाइलों को व पेंडिंग फाइलों को भी एसीबी ने जब्त कर लिया है। सभी फाइलों को एसीबी मुख्यालय लाया गया है। फाइलों के प्रारंभिक अवलोकन में कई गड़बड़ियां सामने आई है। दूदू जिला बनने के बाद कई जमीन जिनमें आपत्तियां लगी थी, उनका भी डायवर्सन कर दिया गया है। साथ ही जिन फाइलों को पेंडिंग रखा गया था, क्या उनमें भी रिश्वत की मांग की गई है इसकी जानकारी जुटाने के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाकर कलेक्टर व पटवारी से एसीबी पूछताछ करने वाली है।

2014 बैच के है प्रमोटी आईएएस

हनुमान मल ढाका 2014 बैच के प्रमोटी आईएएस है। वे राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अफसर थे। उन्हें आईएएस अवार्ड होने पर आईएएस का 2014 बैच अलॉट हुआ। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके संयुक्त सचिव ढाका रह चुके हैं। उसके बाद में राजफेड के एमडी रहे। वे जल संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। राजस्थान में नए जिलों के गठन के बाद ढाका पहले नवगठित खैरथल–तिजारा के पहले कलेक्टर थे। इस साल फरवरी में भजनलाल सरकार ने उन्हें दूदू जिले का कलेक्टर बनाया था। पूर्व में भी दो बार उन्हें अलग-अलग कारणों से प्रतीक्षा सूची में रखा गया था।

भजनलाल सरकार ने ढाका को हटाकर जीरो टॉलरेंस का मैसेज दिया है। दूदू जिला अजमेर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। ढाका को प्रतीक्षा सूची में डालने के बाद अगले कलेक्टर की नियुक्ति हेतु सरकार को चुनाव आयोग से परमिशन लेनी होगी।

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