Kota Suicide Case: ‘Sorry Papa! ‘I will not be selected’ student left a note before committing suicide, another NEET aspirant student committed suicide in Kota
नीट की परीक्षा होने वाली हैं। पूरे देश के हजारों छात्र नीट की तैयारियों में जुटे हैं। इस बीच शिक्षा की नगरी कोटा से एक और बुरी खबर आई है। कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने फंदे से लटक कर मौत को गले लगा लिया। 20 साल की छात्र भरत राजपूत धौलपुर का रहने वाला था और नीट की तैयारियों मे जुटा था।
सॉरी पापा इस बार भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाएगा
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बताया जा रहा है कि भरत अपने भांजे रोहित के साथ तलवंडी में रहता था। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा है कि “सॉरी पापा इस बार भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाएगा। जानकारी ये भी मिली है कि भरत पहले भी दो बार परीक्षा दे चुका था लेकिन उसका सेलेक्शन नहीं हुआ था। इसी 5 मई को उसकी नीट की परीक्षा होनी थी।
पांच मई को था एग्जाम, पढाई को लेकर कभी टेंशन में नहीं दिखा
छात्र भरत के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि ‘सॉरी पापा, इस बार भी मेरा सलेक्शन नहीं हो पाएगा.’ रोहित ने बताया कि पांच मई को उनका एग्जाम था. वहीं इससे पूर्व जिस स्टूडेंट ने सुसाइड किया उसका भी 5 मई को एग्जाम था और वह नीट यूजी 2024 दे रहा था.
इस साल था तीसरा अटेम्प्ट
मृतक के भांजे रोहित ने बताया कि भरत नीट की तैयारी कर रहा था. इस साल उसका तीसरा अटेम्प्ट था. इससे पहले के दो अटेम्प्ट वह दे चुका था और तीसरी बार यहां आया था. रोहित भी दो साल से कोटा में रहकर तैयारी कर रहा है. रोहित का कहना है कि पढाई को लेकर कभी कोई टेंशन नहीं थी. पढाई तो ठीक चल रही थी, भरत ने कभी कोई बात ऐसी जाहिर नहीं होने दी, उसने कहा कि टेस्ट में भी नम्बर सही आ रहे थे, रात को मोबाइल देखने के बाद हम सो गए और सुबह उठे तो भी नहीं लगा की यह ऐसा कर लेगा.
उन्होंने कहा, “कोचिंग संस्थानों की ओर से कुछ प्रतिशत दबाव हो सकता है, लेकिन ज्यादातर माता-पिता की ओर से होता है और उससे भी ज्यादा दबाव उसके मित्र मंडली की ओर से होता है, जो उसके दोस्त हैं या प्यार में असफल होने के बाद उसने यह कदम उठाया है।” सोमवार को मीडिया के सामने. दिलावर ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों से उनकी क्षमता से अधिक उपलब्धि हासिल करने की उम्मीद करते हैं. “आत्महत्या के मामलों में केवल एक व्यक्ति या संगठन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मैं नहीं मानता कि केवल कोचिंग संस्थान ही दोषी होंगे। कोचिंग संस्थानों का कुछ प्रतिशत दबाव हो सकता है लेकिन माता-पिता की भी इसमें समान भूमिका है, ”दिलवर ने कहा।