Pune Porsche Accident Case: Father’s anger over losing his daughter, Ashwini’s last rites will be performed today in Jabalpur,
जबलपुर। पुणे में दुर्घटना में मारी गई अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने मंगलवार को बेटी के लिए इंसाफ मांगते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ संंविधान के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोगों को इससे सबक मिले। सुरेश कोष्टा ने आगे कहा कि हमने हमारे बच्चे को तब तक गाड़ी नहीं दी, जब तक वे बालिग नहीं हो गए।
भाई बहनों में अश्विनी सबसे छोटी थी। पिता मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी कार्यालय में पदस्थ हैं। उनका घर शहर के शक्ति नगर सैनिक सोसायटी में स्थित है। आज मंगलवार को अश्विनी का अंतिम संस्कार गौरीघाट में किया जाएगा।
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इधर, मृतका के बड़े भाई समर ने कहा कि वह पिछले छह साल से पुणे में थी। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और वहीं दो साल से जॉब कर रही थी। परिवार में वह पिता की लाडली थी और रोज उनसे फोन पर बात करती थी।
19 मई को तेज रफ्तार पोर्शे कार ने बाइक सवार अश्विनी और उसके एक दोस्त को कुचलकर आगे निकल गई थी, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी।
वहीं आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 15 घंटे में ही जमानत दे दी थी और पुलिस ने उसके पिता विशाल अग्रवाल को आज हिरासत में लिया है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह सड़क दुर्घटनाओं पर निबंध लिखकर पेश करेगा और 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करेगा।
दोनों मृतक जबलपुर से
दोनों जबलपुर के थे और मोटरसाइकिल पर एक पार्टी से लौट रहे थे। उन्हें लगभग 2.30 बजे पॉर्श कार से एक नाबालिग ने कुचल दिया। उनके शव सोमवार को अंतिम संस्कार के लिए गृहनगर जबलपुर लाया गया। अश्विनी के परिजनों ने कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। मारे गए टेक्निकल एक्सपर्ट में से एक के परिवार ने आरोप लगाया है कि आरोपियों को पुलिस स्टेशन में ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’ दिया गया।
आरोपी को मिली जमानत रद्द हो: अनीश के दादा
मंगलवार सुबह 3 बजे एक एम्बुलेंस मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर में पहुंची। इसके दरवाजे खुलते ही 24 वर्षीय अनीश अवधिया के परिजन फूट-फूट कर रोने लगे। अनीश पुणे में काम करता था। वह अश्विनी कोष्टा के साथ था, जब नशे में धुत किशोर द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्शे कार ने रविवार तड़के उनकी बाइक को टक्कर मार दी। इससे दोनों की मौत हो गई।
अनीश के दादा आत्माराम अवधिया ने कहा कि पुणे के एक प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी के बेटे किशोर ड्राइवर को जमानत नहीं दी जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है। यह पूरी तरह से गलत है। हम कड़ी सजा चाहते हैं। आरोपियों को दी गई जमानत रद्द की जानी चाहिए।
ऐसे हुआ था हादसा
अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा एक आईटी इंजीनियर थे। पुणे में शनिवार देर रात एक समारोह से लौट रहे थे। रात करीब 2.15 बजे उनकी बाइक को पीछे से तेज रफ्तार पोर्शे ने टक्कर मार दी। अश्विनी और अनीश दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। 17 साल 8 महीने की उम्र के ड्राइवर को पुणे की एक अदालत ने कुछ शर्तों के साथ 15 घंटे के भीतर जमानत दे दी। हिट एंड रन केस और 15 घंटे के भीतर आरोपी को जमानत मिलने से लोगों में गुस्सा फैल गया।
पुणे पुलिस ने कहा है कि उन्होंने अदालत से आरोपी पर बालिग की तरह मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन याचिका खारिज कर दी गई। उन्होंने अब सेशन कोर्ट जाने का फैसला किया है। किशोर के पिता को अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
अनीश अवधिया के परिवारीजन टूट गए हैं। उनके चाचा अखिलेश अवधिया ने कहा कि नाबालिग आरोपी नशे में था और 240 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। यह हत्या है, दुर्घटना नहीं।
अश्विनी के चाचा ने कहा- हम लड़ेंगे न्याय की लड़ाई
उधर, सोमवार की रात अश्विनी कोष्टा का पार्थिव शरीर उनके घर जबलपुर पहुंचा। उसका परिवार भी आरोपी को जमानत दिए जाने से नाराज है और उसने अंत तक न्याय के लिए लड़ने की कसम खाई है। अश्विनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा कि नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोगों को इससे सबक मिले। बेटी ने अपनी पढ़ाई पुणे में पूरी की और उसे वहीं नौकरी मिल गई थी।
चाचा जुगल किशोर कोष्टा ने कहा कि हम सदमे में हैं। यह निंदनीय है कि उन्हें 15 घंटे में जमानत मिल गई। उनकी और उनके माता-पिता की जांच की जानी चाहिए। अश्विनी का अंतिम संस्कार होने के बाद हम इस मामले पर चर्चा करेंगे। उसके बहुत सारे सपने थे। वह जीवन में ऊंचाई हासिल करना चाहती थी और अपने माता-पिता को गौरवान्वित करना चाहती थी। हम अपना दुख व्यक्त नहीं कर सकते।
अश्विनी के चाचा सचिन बोकड़े ने कहा कि हम चाहते हैं कि उसकी जमानत रद्द की जाए। उसकी वजह से एक मासूम लड़की की मौत हो गई, जिसने जीवन में कुछ भी नहीं देखा था।