Home छत्तीसगढ़ जीएसटी कटौती के संबध में ऑनलाइन प्रशिक्षण हुआ संपन्न

जीएसटी कटौती के संबध में ऑनलाइन प्रशिक्षण हुआ संपन्न

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*2 लाख 50 हजार से अधिक भुगतान पर फर्म,एजेंसी,सहित अन्य सर्विस प्रदाता को अब 2 प्रतिशत जीसीएसटी टीडीएस कटौती अनिवार्य*

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सौरभ बरवाड़@बलौदाबाजार- 22 मई 2024/ शासकीय विभागों द्वारा सेवा प्राप्ति एवं सामग्री खरीदी पर विक्रेताओं एवं निर्माण कंपनी, ठेकेदारों तथा सेवा प्रदाताओं को किये जाने वाले भुगतानों पर जीएसटी के स्त्रोत पर टीडीएस कटौती करने के संबंध वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यशाला आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर के एल चौहान वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कलेक्टोरेट सभाकक्ष से जुड़े रहे। कार्यशाला में बताया गया कि केन्द्रीय माल और सेवा अधिनियम, 2017 एवं छत्तीसगढ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा किये जाने वाले सामग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओं /ठेकेदारों को किये जाने वाले भुगतान पर स्रोत पर कर की जीएसटी- टीडीएस कटौती के संबंध में प्रावधान किये गए हैं। शासकीय विभाग या स्थापना, स्थानीय प्राधिकारी, शासकीय अभिकरण, शासन के किसी भी डीडीओ द्वारा 2.5 लाख रूपए से अधिक भुगतान होने पर 2 प्रतिशत (1 प्रतिशत सीजीएसटी + 1 प्रतिशत एसजीएसटी अथवा 2 प्रशित आईजीएसटी) की दर से स्रोत पर कटौती जीएसटी-टीडीएस किया जाना है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी के अंतर्गत स्रोत पर टीडीएस कटौतीकर्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया जाना है। विभागों द्वारा खरीदी की जाने वाली सामग्री, मशीन-उपकरण,फर्नीचर,स्टेशनरी अथवा अन्य कोई भी वस्तु,निर्माण कार्यों एवं ठेकों तथा लिये जाने वाली किसी भी प्रकार की सेवाओं की राशि पर जीएसटी-टीडीएस करने के बाद अगले माह की 10 तारीख तक रिटर्न जीएसटीआर-07 में प्रस्तुत किया जाना है। समय पर रिटर्न फ़ाइल नही करने पर डी डी ओ 100 रुपये से अधिकतम 10000 तक पेनल्टी का प्रावधान है।यह देखने में आया है कि कई विभागों एवं कार्यालयों द्वारा जीएसटी- टीडीएस कटौतीकर्ता के रूप में प्रावधानों के अंतर्गत जीएसटी पंजीयन नहीं लिया गया है तथा पंजीयन लेने वाले प्राधिकारियों द्वारा सही प्रकार से जीएसटी की स्रोत पर कटौती संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे राज्य शासन का जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व की क्षति हो रही है। इसके संबंध में यह निर्देशित किया जाता है कि समस्त भुगतानकर्ता प्राधिकारियों, आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा केंद्रीय एवं छत्तीसगढ माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अंतर्गत स्रोत पर कटौती के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वस्तु अथवा सेवा प्रदायकर्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही क्रय/सेवा आदेश के विरूद्ध पृथक-पृथक देयकों में राशि का विभाजन करते हुए जीएसटी की स्रोत पर कटौती हेतु निर्धारित 2 लाख 50 हजार रूपए की सीमा का उल्लंघन न हो। इसके साथ ही सभी कोषालयों, उपकोषालयों,निर्माण विभागों, वन विभाग के भुगतान प्राधिकारियों का निर्देशित किया जाता है। आहरण एवं संवितरण अधिकारिेयों द्वारा वस्तु एवं सेवा प्रदाय के भुगतान संबंधी प्रस्तुत देयकों में प्रदायकर्ताओं की जीएसटीआईएन को चिन्हांकित करने की व्यवस्था की जाए तथा देयकों के भुगतान के पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान में सक्रिय वैध हो। उक्त प्रशिक्षण संचालक कोष लेखा एवं पेंशन महादेव कावरे के मार्गदर्शन एवं डिप्टी कमिश्नर जीएसटी मनीष मिश्रा की उपस्थिति में कार्यालय संभागीय कोष लेखा एवं पेंशन रायपुर के द्वारा दिया गया है। जिसमे वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संभागीय संयुक्त संचालक इमरान खान,उपसंचालक मंजू गोपाल यादव सहायक संचालक नागेंद्र सिंह,प्रशांत साहू, नीलिमा भोई के द्वारा प्रदान किया गया है। जिला मुख्यालय में इस अवसर पर जिला कोषालय अधिकारी गणेशु प्रसाद घिदौडे एवं जिले के सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं जिला कोषालय के सहायक कोषालय अधिकारी विनोद कुमार सोनी जुड़े रहे।

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