JDS’s Prajwal Revanna lost, accused of sexually harassing women
लोकसभा की 542 सीटों के लिए वोटों की गिनती जारी है। कर्नाटक की 28 सीटों के रुझान भी आने लगे हैं। यहां की सबसे चर्चित सीट हासन जेडीएस उम्मीदवार और मौजूदा सांसद प्रज्वल रेवन्ना को लेकर चर्चा में है। प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल में फंसे हैं और उनकी करारी हार हुई है। प्रज्वल पर रेप और यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। रेवन्ना यहां से मौजूदा सांसद थे। कांग्रेस के श्रेयस पटेल ने रेवन्ना को हराया है। प्रज्वल पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।

प्रज्वल रेवन्ना के 2000 से ज्यादा सेक्स टेप सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। जिसके बाद वो जर्मनी भाग गए थे। सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना 30 मई की रात 35 दिन बाद जर्मनी से भारत लौटे। फिलहाल 6 जून तक SIT की कस्टडी में हैं।
आठरहवीं लोकसभा के चुनाव में कुल 543 निर्वाचन क्षेत्रों में 64.2 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार को प्रयोग किया गया जिनमें 31.2 प्रतिशत महिला मतदाता शामिल थी। सूरत की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है। एग्जिट पोल के अनुमान को मानें तो NDA सरकार बना सकती है। लेकिन अब देखना ये है कि क्या पीएम मोदी तीसरी बार जीतकर रिकॉर्ड बना पाएंगे या फिर BJP 2.0 का सफर यहीं थम जाएगा।
क्या आरोप है रेवन्ना पर?
इस सिलसिले में कुल दो मामले दर्ज हुए थे। पीड़ितों में से एक रेवन्ना के घर काम करने वाली एक महिला ने भी रेवन्ना के खिलाफ शिकायत की थी। महिला ने एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 354(A) (यौन शोषण), 354(D) (पीछा करना), 506 (धमकाना) और 509 (बोलकर या इशारों से महिला की गरिमा का अपमान करना) के तहत केस दर्ज किया था। पीड़िता होलेनरासीपुर की रहने वाली है।
उसका पति एचडी रेवन्ना की मिल्क डेयरी में मजदूरी करता है। दावा है कि पीड़िता एचडी रेवन्ना की पत्नी भवानी की रिश्तेदार है। 2019 में रेवन्ना के बेटे सूरज रेवन्ना की शादी के दौरान काम करने के लिए उसे बुलाया गया था, तभी से वो यहां काम कर रही थी। रेवन्ना ने उसका यौन शोषण किया। कर्नाटक के हासन में दो मामले दर्ज किए गए हैं। एक मामला एचडी रेवन्ना और दूसरा उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दर्ज हैं। एक अन्य मामला नवीन गौड़ा के खिलाफ भी दर्ज है। ये दोनों मामले कर्नाटक सरकार के आदेश पर जांच के लिए एसआईटी को सौंपे गए हैं।