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कश्मीर में ‘लिक्विड आईईडी’ एक बड़े खतरे के रूप में सामने आया, 17 साल बाद लिक्विड IED की वापसी, कैसे हुआ खुलासा?

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‘Liquid IED’ emerged as a big threat in Kashmir, Liquid IED returns after 17 years, how was it revealed?

जम्मू-कश्मीर के आंतकी परिदृश्य में तरल विस्फोटक 17 साल बाद फिर से वापसी करता दिख रहा है, क्योंकि हाल ही में पुलिस ने एक आतंकवादी ठिकाने पर छापेमारी में लिक्विड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ बरामद किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि इस ‘लिक्विड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ का पता लगाना मुश्किल होता है और इसलिए इसे डिफिकल्ट टू डीकेटेक्ट (डी2डी) श्रेणी में रखा गया है।

इस महीने की शुरुआत में पुलवामा में हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी कमांडर रियाज डार उर्फ सथार और उसका साथी रईस डार मारा गया था। इसके बाद पुलिस ने आतंकवादियों के एक ‘ओवर ग्राउंड वर्कर’ (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार किया था। इसी ओजीडब्ल्यू से तरल आईईडी बरामद हुआ है।

रियाज डार 2014 में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था और उसने मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों अबू दुजाना और अबू इस्माइल के साथ काम किया था। वह कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था।

रियाज पर 10 लाख रुपये से अधिक का नकद इनाम घोषित था। वहीं, रईस डार पर पांच लाख रुपये का नकद इनाम घोषित था।

कैसे हुआ खुलासा
रियाज डार 2014 में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था और उस ने मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों अबू दुजाना और अबू इस्माइल के साथ काम किया था. वो कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था. रियाज पर 10 लाख रुपये से अधिक का नकद इनाम घोषित था. वहीं, रईस डार पर पांच लाख रुपये का नकद इनाम घोषित था.

पुलिस ने मुठभेड़ के तुरंत बाद लश्कर आतंकवादियों के लिए काम करने वाले ओजीडब्ल्यू के खिलाफ कार्रवाई की और उन में से चार को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान एक ओजीडब्ल्यू ने बताया कि आतंकवादियों को पुलवामा के निहामा के रहने वाले बिलाल अहमद लोन, सज्जाद गनी और शाकिर बशीर ने पनाह दी थी. उन्होंने बताया कि इस से आतंकियों के ओजीडब्ल्यू नेटवर्क का खुलासा हुआ और इन तीनों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान ओजीडब्ल्यू ने पुलिस को बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों ने लिक्विड आईईडी तैयार किया है. बशीर ने उन्हें बागों में छिपा दिया था. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और सेना की टीम ने इसे बरामद किया.

6 किलोग्राम लिक्विड आईईडी बरामद
सेना के विस्फोटक विशेषज्ञों ने प्लास्टिक कंटेनर में रखे छह किलोग्राम लिक्विड आईईडी को नष्ट करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि इसे एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि ऐसे विस्फोटकों को डी2डी श्रेणी में रखा जाता है. दक्षिण कश्मीर में 2007 के दौरान आतंकवादी गुटों ने आईईडी विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था, लेकिन इसके बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के दशक के दौरान ऐसा कुछ नहीं देखा गया.

ओजीडब्ल्यू ने खोला राज

मुठभेड़ के तुरंत बाद पुलिस ने लश्कर आतंकवादियों के लिए काम करने वाले ओजीडब्ल्यू के खिलाफ कार्रवाई की और उनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान एक ओजीडब्ल्यू ने बताया कि आतंकवादियों को पुलवामा के निहामा के रहने वाले बिलाल अहमद लोन, सज्जाद गनी और शाकिर बशीर ने आश्रय और रसद प्रदान किया था।

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