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Jio, Airtel और Vodafone Idea को मिले TRAI से निर्देश, अब और नहीं सताएंगे अनचाहे कॉल्स और मैसेज! टेलीकॉम ऑपरेटर को जारी किया निर्देश

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Jio, Airtel and Vodafone Idea got instructions from TRAI, now unwanted calls and messages will not bother you anymore! Instructions issued to telecom operators

हर स्मार्टफोन यूजर को रोज ही 5 से लेकर 10 अनवांटेड कॉल्स और मेसेज भेजे जाते हैं. इनके वजह से कभी-कभार झल्लाहट सी होने लगती है. हालांकि अब ये समस्या ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाली है. दरअसल टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) ने सभी टेलिकॉम सेक्टर्स की कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं जिसके बाद अब यूजर्स को अनवांटेड कॉल्स और मैसेज से छुटकारा मिल जाएगा.

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दूरसंचार नियामक ट्राई ने अनचाही कॉल पर अंकुश के लिए सोमवार को दूरसंचार कंपनियों से कहा कि वे अपने मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को स्पैम संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और वरीयता एवं सहमति की सेटिंग के लिए यूजर्स के अधिक फ्रेंडली बनाएं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने यह भी कहा कि सभी सेवा प्रदाताओं को पिछली तिमाही के बजाय मासिक आधार पर प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट पेश करनी होगी।

पोर्टल को बेहतर बनाना अनिवार्य किया
विनियामक ने एक विज्ञप्ति में कहा, “अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) यानी स्पैम को कम करने के अपने निरंतर प्रयास में ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को अपने मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को बेहतर बनाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि स्पैम कॉल संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और वरीयता की सेटिंग के लिए उन्हें यूजर्स के अधिक अनुकूल बनाया जा सके।” ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्पैम शिकायत के पंजीकरण और वरीयता प्रबंधन के विकल्प उनके मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध हों।

स्पैम कॉल्स और मैसेज पर सख्ती!
शुक्रवार को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने डिस्ट्रब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) प्लेटफॉर्म पर हेडर्स और टेम्पलेट के इस्तेमाल को लेकर अपनी गाइडलाइंस को और कड़े कर दिए हैं। यह स्पैम कॉल्स और फर्जी मैसेज को रोकने के लिए टीआरआई की ओर से नई पहल है।

टीआरएआई पहले भी जारी कर चुका है निर्देश
टीआरएआई ने सर्विस प्रोवाइडरों को टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफ्रेंस रेग्यूलेशंस, 2018 (TCCCPR-2018) के तहत यह निर्देश जारी किए हैं। टीआरएआई के मुताबिक यह दिशानिर्देश 16 फरवरी, 2023 के उसके पहले वाले निर्देश की ही अगली कड़ी है, जिसमें हेडर्स और मैसेज टेम्पलेट के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कहा गया था।

अप्रूविंग अथॉरिटी के लिए भी निर्देश
टीआरएआई ने सभी एक्सेस प्रोवाइडरो को निर्देश दिए हैं कि कंटेंट में तीन से ज्यादा वेरिएबल पार्ट के इस्तेमाल की अनुमति तभी दी जाएगी, जब उसके उचित औचित्य और अतिरिक्त निगरानी की व्यवस्था हो। ट्राई ने अनिवार्य कर दिया है कि एक्सेस प्रोवाइडर को ऐसे कंटेंट टेम्प्लेट के लिए एक अलग से अप्रूविंग अथॉरिटी को नामित करना होगा।

जिस कार्य के लिए इस्तेमाल होना है, उसके प्रत्येक वेरिएबल पार्ट को उस कार्य के लिए प्री-टैग्ड होना जरूरी है और मैसेज का कम से कम 30% फिक्स्ड पार्ट होना चाहिए। ताकि, मूल संदेश की भावना, जिसके लिए कंटेंट टेम्पलेट को मंजूरी दी गई थी, इनटर्मीडीएरीज के द्वारा बदल न दिए जाएं। टीआरएआई के मुताबिक यह भी फैसला लिया गया है कि सिर्फ व्हाइटलिस्टेड यूआरएल/एपीकेएस/ ओटीटी लिंक/ कॉल बैक नंबरों को ही कंटेंट टेम्पलेट में अनुमति दी जाएगी।
ब्योरा स्वचालित रूप से दर्ज होंगे

इसके अलावा यदि उपयोगकर्ता अपने कॉल ब्योरा और अन्य प्रासंगिक डेटा तक पहुंच की अनुमति देते हैं तो शिकायतों के पंजीकरण के लिए जरूरी ब्योरा स्वचालित रूप से दर्ज हो जाना चाहिए। विज्ञप्ति के मुताबिक, स्पैम कॉल के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए ट्राई ने प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट (पीएमआर) के प्रारूपों में भी संशोधन लागू किए हैं। अधिक विस्तृत निगरानी के लिए अब सभी प्रदाताओं को मासिक आधार पर प्रदर्शन निगरानी रिपोर्ट देनी होगी जबकि अभी तक उन्हें पिछली तिमाही की रिपोर्ट देनी होती थी।

एक ऑफिशियल प्रेस रिलीज के मुताबिक, ट्राई का कहना है कि अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन (Unsolicited Commercial Communication) की शिकायतों को दर्ज करवाने और प्रेफरेंस मैनेजमेंट जैसे ऑप्शन टेलीकॉम कंपनियों की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध करवाए जाएं। ताकि, यूजर्स को इन कामों के लिए सेटिंग खोजने में किसी तरह की ज्यादा परेशानी न आए।

ट्राई का कहना है कि अगर यूजर उनके कॉल लॉग और इससे जुड़े डेटा को लेकर परमिशन दे देता है तो शिकायतों के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डिटेल्स कंपनियों की ओर से ऑटोमैटिकली पॉप-अप होनी चाहिए।

हर महीने सबमिट करनी होगी पीएमआर
ट्राई ने अपनी रिलीज में कहा है कि विभाग ने अनचाहे कमर्शियल कम्युनिकेशन के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए परफोर्मेंस मॉनटरिंग रिपोर्ट फॉर्मेट को लेकर कुछ बदलाव भी किए हैं।

बेहतर निगरानी के लिए सभी एक्सेस प्रोवाइडर को पीएमआर (Performance Monitoring Report) हर महीने सबमिट करनी जरूरी होगी।

इससे पहले, ट्राई ने एलान किया था कि वित्तीय संस्थाओं से सभी लेन-देन और वॉइस कॉल 160 डिजिट से शुरू होने वाले नंबर से आएगी। यह व्यवस्था लागू होती है तो स्पैम कॉलर्स की पहचान करने में मदद मिलेगी।

यूजर फ्रेंडली बनाएं प्लेटफार्म
रेगुलेटरी ने एक विज्ञप्ति में कहा, “अनचाहे वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) यानी स्पैम को कम करने के अपने निरंतर प्रयास में ट्राई ने सेवा प्रदाताओं को अपने मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल को बेहतर बनाना अनिवार्य कर दिया है, ताकि स्पैम कॉल संबंधी शिकायतों के पंजीकरण और वरीयता की सेटिंग के लिए उन्हें यूजर के अधिक अनुकूल बनाया जा सके।”

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