For the first time in the country, Lithium mines were auctioned in Chhattisgarh, the state will become a leader in Lithium production
आज की तेजी से बदलती दुनिया में नित नए प्रयोग हो रहे हैं और इन प्रयोगों के बदौलत क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसा ही एक परिवर्तन लिथियम आयन बैटरी के विविध प्रयोगों का है जिसने परिवहन के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन का सूत्रपात कर दिया है । जीवाश्म ईंधन पर निर्भर विश्व परिवहन व्यवस्था से वैश्विक पर्यावरण को बहुत क्षति पहुंच रही है। लिथियम आयन बैटरी की मदद से इलेक्ट्रिक व्हीकल का स्वप्न साकार हो गया है और अब पूरी दुनिया का झुकाव इलेक्ट्रिकल व्हीकल की ओर बढ़ गया है क्योंकि इसे पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्टिकोण के अनुकूल माना जा रहा है ।
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क्या है लिथियम
लिथियम एक रासायनिक तत्व है जिसे आवर्त सारणी में Li से जाना जाता है और जिसकी परमाणु संख्या 3 है । यह एक क्षार धातु है जो चांदी जैसा सफेद और नरम होता है । लिथियम एक ऐसा धातु है जो सबसे कम घना ठोस तत्व होता है । यह रासायनिक ऊर्जा को संग्रहित करता है और विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर सकता है । लिथियम से बनी बैटरी उच्च तापमान में भी बेहतर गुणवत्ता वाली सर्विस देती है । इसे रिसाइकिल भी किया जा सकता है जिससे इसकी लागत कम हो जाती है । अपने इस अनोखेपन की वजह से लिथियम आज अपरिहार्य हो गया है । मोबाइल , लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल , इलेक्ट्रॉनिक गैजेट सभी आज लिथियम आधारित इंडस्ट्रीज हैं जिन पर आधुनिक जिंदगी काफी हद तक निर्भर है । यही कारण है कि लिथियम आज दुनिया में सबसे अधिक डिमांड वाला तत्व है जिसे सफेद सोना कहा जाता है ।
कहां होता है लिथियम का उत्पादन
दुनिया में बोलीविया, अर्जेंटीना, चिली, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन , जर्मनी जैसे देश लिथियम उत्पादन में सबसे आगे हैं ।
क्या है भारत की स्थिति
अभी भारत अपनी जरूरत का लगभग शत प्रतिशत लिथियम आयात करता है। इसमें भी आधे से अधिक लिथियम का आयात चीन से किया जाता है । लिथियम के महत्व को देखते हुए देश में इसकी खोज पर जोर दिया गया जिसके अच्छे परिणाम सामने आए । जम्मू कश्मीर , राजस्थान , छत्तीसगढ़ , बिहार, झारखंड,अरुणाचल प्रदेश , आंध्र प्रदेश , हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में लिथियम के भंडार मिले हैं। इन सभी प्रदेशों में लिथियम और रेयर अर्थ मिनरल्स से संबंधित परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है
छत्तीसगढ़ बना अग्रणी प्रदेश
लिथियम के उत्पादन के लिए देश के पहले लिथियम खदान की छत्तीसगढ़ में नीलामी हुई ।
प्रदेश में स्थित पहले लिथियम भंडार की नीलामी हो गई है। यह देश का पहला लिथियम भंडार है।
प्रदेश के कटघोरा स्थित पहले लीथियम खदान की नीलामी की जानकारी सोमवार को केंद्र सरकार ने सार्वजनिक की। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी तथा कोयला और खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने स्कोप कन्वेंशन सेंटर, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी के चौथे दौर की शुरुआत करते हुए यह जानकारी दी।
किसे मिला है देश का पहला लीथियम खदान
माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने देश के इस पहले लिथियम ब्लॉक का टेंडर हासिल किया है। छत्तीसगढ़ में कटघोरा लिथियम और दुर्लभ खनिज ब्लॉक कंपनी को 76.05 प्रतिशत के नीलामी प्रीमियम पर दिया गया। छत्तीसगढ़ के कटघोरा में लिथियम मिलने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने की है। कटघोरा से लगे ग्राम घुचापुर के पास लिथियम का जो खदान जमीन के नीचे मिला है वो 250 हेक्टेयर में फैला है। जीएसआई के प्रारंभिक सर्वे में ही कटघोरा क्षेत्र में लगभग 250 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 10-2000 पीपीएम लीथियम कंटेन्ट पाया गया है। इस ब्लॉक में रेयर अर्थ एलीमेंट की भी मौजूदगी पाई गई है।
देश के ई वी इंडस्ट्री के लिए यह अच्छा अवसर है । दरअसल, ई वी में मुख्य लागत बैटरी की आती है । अभी लिथियम का आयात करना पड़ रहा है। देश में ही लिथियम का उत्पादन इस लागत को बहुत कम कर देगा जिससे ई वी की कीमत काफी प्रतिस्पर्धात्मक हो जायेगी । साथ ही , लिथियम पर आधारित अन्य इंडस्ट्रीज को भी काफी फायदा होगा । देश के कई प्रदेशों में लिथियम का भंडार होने के संकेत मिले हैं जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत लाभदायक सिद्ध होगा ।