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750 करोड़ से अयोध्या में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी

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A world-class temple museum will be built in Ayodhya with an expenditure of Rs 750 crore, Yogi cabinet approves

अयोध्या में 750 करोड़ से विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय (भारतीय मंदिर संग्रहालय) का निर्माण कराया जाएगा। इसमें भारतीय संस्कृति के उद्भव से लेकर आज तक की चीजों का संयोजन और संग्रह किया जाएगा। टाटा संस कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड से इसका निर्माण कराएगा, जबकि पर्यटन विभाग की ओर से इसके लिए 25 एकड़ भूमि निशुल्क दी जाएगी। पर्यटन विभाग एक रुपये की लीज पर यह जमीन पहले 90 फिर 90 वर्ष के लिए देगा। कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद जयवीर सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “टाटा संस ने केंद्र सरकार के माध्यम से इस परियोजना का प्रस्ताव रखा था, जिसमें अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष के तहत 650 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय बनाने की पेशकश की गई थी.”

पर्यटन मंत्री ने आगे कहा कि कैबिनेट ने मंदिर नगरी में अन्य विकास कार्यों के लिए कंपनी के 100 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. टाटा संस प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी है और टाटा कंपनियों की प्रमोटर है.
इस संदर्भ में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सरयू नदी के किनारे 50 एकड़ भूमि पर संग्रहालय निर्माण होगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से एक रुपये में 90 वर्षों के लिए पट्टे पर भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। अयोध्या में वर्ष 2021 में 1.58 करोड़, 2022 में 2.40 करोड़ तथा 2023 में 5.75 करोड़ पर्यटक आए थे।

टाटा संस उठाएगा खर्च

मंदिर संग्रहालय के लिए जमीन सरकार देगी। इसके निर्माण का पूरा खर्च टाटा संन्स उठाएगा। कंपनी 650 करोड़ रुपये मंदिर संग्रहालय के निर्माण पर और 100 करोड़ रुपये आस-पास इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेगी। इसमें पूरे देशभर के प्रमुख वैष्णव परंपराओं के मंदिरा के स्थापत्य, इतिहास व उनकी पंरपराओं को दर्शाया जाएगा। कैबिनेट ने अयोध्या में एक और वीवीआईपी गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए भी राज्य संपत्ति विभाग को पर्यटन विभाग की जमीन नि:शुल्क उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

शाकुम्भरी देवी धाम के पर्यटन विकास के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी भूमि

कैबिनेट की बैठक में मां शाकुम्भरी देवी धाम के पर्यटन विकास के लिए 0.369 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मां शाकुम्भरी देवी का मंदिर सहारनपुर से 45 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में स्थित है। देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर में मां के दर्शन के लिए पंजाब, उत्तराखंड, उप्र, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से श्रृद्धालु आते हैं। धाम के पर्यटन विकास के लिए सहारनपुर की तहसील बेहट के ग्राम मिरगपुर पांजूवाला की 0.369 हेक्टेयर भूमि निश्शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी। इस भूमि का सर्किल रेट 22,14,000 है।

मंदिर और पूजा से जुड़ी जानकारी व चीजें होंगी
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि संग्रहालय में मंदिर का पूरा स्वरूप, दर्शन, पौराणिक काल में उसकी संकल्पना, पूजा क्या है? मंदिर कैसे बना, इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण इसके बारे में प्रामाणिक जानकारी होगी। साथ ही विश्व भर में मंदिरों के प्रकार, आकार, उनके आधुनिक स्वरूप को भी दिखाया जाएगा।

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