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बांग्लादेश में रिजर्वेशन के खिलाफ छात्रों का बवाल जारी,भारतीयों को घरों में रहने की दी सलाह, भारत ने एडवाइजरी जारी की ,हाई कमीशन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

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Students’ uproar against reservation continues in Bangladesh, Indians advised to stay at home, India issued advisory, High Commission issued helpline number

नई दिल्लीः बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन से हालात बेकाबू हो गए हैं। ऐसे में भारतीय दूतावास भी सतर्क हो गया है। भारत की ओर से बांग्लादेश में रह रहे विशेषकर छात्रों अपने नागरिकों के लिए खास एडवाइजरी और आपातकालीन स्थितियों में मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। भारत ने कहा है कि बांग्लादेश में मौजूदा हालात को देखते हुए वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोग और छात्र किसी भी यात्रा को नजरअंदाज करें और घर में ही रहें। किसी भी आपातकालीन स्थिति में वहां भारतीय दूतावास से संपर्क करें। भारत का उच्चायोग 24 घंटे अपने नागरिकों की सेवा के लिए तत्पर है।

Ro No- 13028/187

हेल्पलाइन नंबर जारी

भारतीय दूतावास की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी भी किए गए हैं।

भारतीय उच्चायोग, ढाका: +880-1937400591 (Whatsapp पर भी)

भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगांव: +880-1814654797 / +880-1814654799 (Whatsapp पर भी)

भारतीय सहायक उच्चायोग, राजशाही: +880-1788148696 (Whatsapp पर भी)

भारतीय सहायक उच्चायोग, सिलहट: +880-1313076411 (Whatsapp पर भी)

भारतीय सहायक उच्चायोग, खुलना: +880-1812817799 (Whatsapp पर भी)

क्यों हो रही हिंसा?

बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में शामिल परिवार के सदस्यों के लिए आरक्षण समाप्त करने की मांग की जा रही है। हालांकि, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरक्षण खत्म करने से साफ इनकार कर दिया है। इसी वजह से वहां प्रदर्शन तेज हो गए।

6 लोगों की मौत

इससे पहले, विभिन्न जगहों पर हुई हिंसक झड़पों में 6 लोगों की जान चली गई थी। साथ ही कई लोग घायल भी हुए। आज यानी गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने देशव्यापी बंद का एलान किया है। साथ ही सभी विश्वविद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ने हत्याओं की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है।

राष्ट्रीय ध्वज से लिपटे छह ताबूत ले जाए गए…
इससे पहले करीब 500 प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के ढाका विश्वविद्यालय में एक सार्वजनिक अंतिम संस्कार समारोह आयोजित किया जिसमें लाल और हरे रंग के राष्ट्रीय ध्वज से लिपटे छह ताबूत ले जाए गए जो पिछले दिन मारे गए लोगों के प्रतीक थे. हालांकि पुलिस ने पहले ही परिसर की ओर जाने वाली सड़कों को कंटीले तारों से घेर लिया था और जुलूस शुरू होते ही आंसू गैस के गोले और स्टन ग्रेनेड से जुलूस को रोक दिया था.

‘हम प्रदर्शन जारी रखेंगे चाहे जो भी हो’
ढाका के दक्षिणी शहर के पुलिस आयुक्त जेहादुल कबीर ने एएफपी को बताया कि बुधवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जिसमें पुलिस ने बारिसल के बाहर एक राजमार्ग को रोकने वाले एक अन्य प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. ढाका विश्वविद्यालय की छात्रा चामोन फरिया इस्लाम ने एएफपी को बताया, हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा, चाहे वे हम पर कितनी भी हिंसा क्यों न करें. (विभिन्न एजेंसियों के इनुपट के आधार पर)

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