CM Mamata Banerjee left for Rashtrapati Bhavan, PM Modi will chair the meeting, what message does Mamata Banerjee want to give to the INDIA group through the NITI Aayog meeting
आज यानी 27 जुलाई को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक है। इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। नीति आयोग की इस महत्वपूर्ण बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं।
सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा लेंगे। वहीं, विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुकी हैं। एनडीए के सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक अपनी बैठक में शामिल होने पुष्टि नहीं की है।
दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा रहेगा
राजधानी दिल्ली में आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा रहेगा। मीटिंग के लिए धीरे-धीरे राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी आदि बैठक के लिए पहुंच चुके हैं।
गवर्निंग काउंसिल नीति आयोग का शीर्ष निकाय
बता दें कि नीति आयोग की इस बैठक में साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गवर्निंग काउंसिल नीति आयोग की शीर्ष निकाय है। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
अमित शाह और राजनाथ सिंह राष्ट्रपति भवन पहुंचे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र पहुंच गए हैं।
ममता बनर्जी ने बार बार स्टैंड क्यों बदला?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि बजट में केंद्र सरकार ने उनके राज्य के साथ भेदभाव किया है, जो उनको किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है. ममता बनर्जी कह रही हैं कि उनको भेदभाव पसंद नहीं है, और इसीलिए अपनी आवाज उठाने के लिए वो नीति आयोग की बैठक में शामिल होने जा रही हैं.
ये तो साफ है कि ममता बनर्जी ने INDIA ब्लॉक से अलग फैसला लिया था, लेकिन आम बजट 2024 की घोषणाओं के बाद इरादा बदल लिया था, और पहला फैसला रद्द कर दिया था – लेकिन फिर अचानक क्या हुआ कि दूसरा फैसला भी फटाफट बदल लिया?
ममता बनर्जी ने खुद ही ये बात भी बता दी है. ममता बनर्जी कहती हैं, दिल्ली आने की कोई जरूरत नहीं थी, और बजट की वजह से मैंने कार्यक्रम रद्द भी कर दिया था. लेकिन अभिषेक (बनर्जी) और अन्य लोगों ने मुझे इसके लिए तैयार किया, और मैंने हेमंत सोरेन से बात की. वो भी आ रहे हैं.
लेकिन लगे हाथ ममता बनर्जी ने ये भी साफ कर दिया है कि वो नीति आयोग की बैठक में क्या करने वाली हैं. ममता बनर्जी ने बताया है कि वो कुछ देर वहां बैठेंगी, लेकिन अगर बोलने की अनुमति मिली तो वो अपनी बात रखेंगी.
वरना, ममता बनर्जी तो वही करेंगी जो ऐसी परिस्थितियों में हमेशा करती आई हैं. बहिष्कार.
ममता बनर्जी के नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के मायने
ममता बनर्जी ने अपनी तरफ से नीति आयोग की बैठक को लेकर बदलते फैसले की वजह भी बता दी है, और बैठक में शामिल होने के बाद का स्टैंड भी – लेकिन ऐसा कदम उठाने के पीछे जो असली राजनीति है, वो अलग है.
INDIA ब्लॉक में शामिल राजनीतिक दलों से ममता बनर्जी का अलग स्टैंड लेना भी उनका राजनीतिक बयान ही है, जिसके कई मतलब निकलते हैं – और इसीलिए कुछ सवाल भी उठते हैं.
क्या ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक को सिर्फ फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही हैं?
लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर इंडिया ब्लॉक की सरकार बनी तो वो बाहर से सपोर्ट करेंगी, लेकिन फौरन ही नया बयान दिया कि वो विपक्षी गठबंधन का ही हिस्सा हैं, यानी अगर सरकार बनी तो शामिल हो सकती हैं. वो बात तो हुई नहीं, लेकिन इंडिया ब्लॉक को लेकर ममता बनर्जी का नजरिया तो सामने आ ही गया था.