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CAA के प्रचार पर प्रधानमंत्री समेत शीर्ष भाजपा नेताओं के विरुद्ध याचिका, याचिकाकर्ता का आरोप, CAA का प्रचार करने से देश में फैली हिंसा ,राज्य सरकार को दिया जा चुका है नोटिस

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Petition against top BJP leaders including Prime Minister for promoting CAA, petitioner alleges that promotion of CAA has led to violence in the country, notice has been given to the state government

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) संबंधी अधिनियम का प्रचार प्रसार करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कुछ अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस पर राज्य सरकार को नोटिस दिया जा चुका है।

Ro.No - 13207/134

सुनवाई अगले सप्ताह में होने की संभावना है। याची अलीगढ़ के खुर्शीद-उर- रहमान ने इसी मामले को लेकर पहले धारा 156 (3 ) के तहत अलीगढ़ जिला न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था, जिसे सीजेएम ने आठ जनवरी 2024 को खारिज कर दिया था।

नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि CAA का भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रचार प्रसार करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता अलीगढ़ के खुर्शीद ऊर्र रहमान ने इसी मामले को लेकर पहले धारा 156(3 ) के तहत अलीगढ़ जिला कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. जिसे पहले सीजीएम अलीगढ़ ने खारिज कर दिया. उसके बाद सेशन कोर्ट अलीगढ़ ने भी सीजेएम के आदेश के खिलाफ निगरानी खारिज कर दी. अब इन दोनों आदेशों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में कमल संदेश नामक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख का हवाला दिया गया है और आरोप लगाया गया है कि, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने साजिश के तहत अपने हित में हिंसा, दंगा और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए अपने पद और शपथ का दुरुपयोग किया. नागरिकता संशोधन अधिनियम के जरिए बीजेपी नेताओं ने भाषण, होल्डिंग और कमल संदेश नामक पत्रिका में लेख प्रकाशित कराकर उसे बड़े पैमाने पर बांटे गए. जिससे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन, दंगे और हिंसा भड़की. जिसमें कई लोगों की जान भी गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ. याचिका में जिला न्यायालय अलीगढ़ के आदेशों पर रोक लगाने और बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.

इस आदेश के विरुद्ध सेशन कोर्ट अलीगढ़ ने भी दाखिल निगरानी याचिका छह अप्रैल 2024 को खारिज कर दी थी। इन दोनों आदेशों को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह सहित कमल संदेश नामक पत्रिका के प्रकाशक और प्रबंधक और अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भाजपा नेताओं ने भाषण दिया। होर्डिंग्स तथा कमल संदेश नामक पत्रिका में लेख प्रकाशित करा कर बड़े पैमाने पर प्रचारित कराया। इससे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ, हिंसा भड़की तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ।

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