Olympics 2024: Did PV Sindhu retire after defeat in Paris? She told the condition of her heart and said…
दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु पेरिस ओलंपिक से बाहर हो चुकी हैं। सिंधु गुरुवार को चीन की खिलाड़ी हे बिंग जियाओ से सीधे गेम्स में हार गईं। सिंधु का यह तीसरा ओलंपिक था। वह रियो ओलंपिक में सिल्वर और टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीती थीं। यह पहला मौका है जब पीवी सिंधु ओलंपिक से बिना मेडल के लौटेंगी।
पेरिस ओलंपिक में सिंधू का सफर प्री-क्वार्टर फाइनल में ही थम गया। उन्हें चीन की खिलाड़ी ही बिंग जिओ ने मात दी और इसी के साथ सिंधू का ओलंपिक मेडल की हैट्रिक लगाने का सपना भी चकनाचूर हो गया। इस हार से सिंधू निश्चित तौर पर काफी निराश हैं और मैच के बाद उन्होंने अपने रिटायरमेंट के बारे में बात की है।
हार के बाद पीवी सिंधु ने अपने दिल का हाल बयां किया। उन्होंने बताया कि वह इस समय नहीं जानती कि वह 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलेंगी या नहीं। उन्होंने कहा, ‘अगले ओलंपिक को फिलहाल चार साल बचे हैं। मेरे लिए अभी जरूरी है कि मैं वापस जाऊं और आराम करूं। ब्रेक लूं और फिर देखूं कि क्या होने वाला है। चार साल बहुत लंबा समय होता है। मैं एक समय पर एक हफ्ता देखूंगी। फिलहाल यह समय है कि मैं वापस जाऊं। मैं जो परिणाम चाहती थी वह मुझे नहीं मिला। यह निराशाजनक है लेकिन यही सफर है।’
शानदार रहा सफर
सिंधू ने कहा कि उनका अभी तक का सफर शानदार रहा है। सिंधू ने कहा, “सफर शानदार रहा। कुछ उतार-चढ़ाव आए लेकिन मैंने चोट से वापसी की। हर चीज अच्छी जा रही थी। आप ये उम्मीद नहीं कर सकते कि आपको आसान जीतें मिलेंगी या आपकी फॉर्म सही समय पर आ जाएगी। कई बार ये आपका दिन नहीं होता है। हम सभी ने कड़ी मेहनत की।”
पेरिस ओलंपिक में मिली हार को लेकर सिंधू ने कहा कि वह गेम को और बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकती थीं। उन्होंने कहा, “मैंने डिफेंस में कुछ गलतियां की जिन्हें मैं कंट्रोल कर सकती थी। हम सभी ने कड़ी मेहनत की। हमने वो किया जो हम कर सकते थे। बाकी किस्मत है। मुझे पछतावा नहीं है।
पिछले दो ओलंपिक में जीते थे मेडल
गौरतलब है कि पीवी सिंधु ने पिछले दोनों ओलंपिक में मेडल जीते थे. 2016 के रियो ओलंपिक में भारतीय शटलर ने सिल्वर मेडल जीता था. इसके अलावा 2020 को टोक्यो ओलंपिक में सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्ज़ा किया था. इस बार पेरिस ओलंपिक में उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद की जा रही थी. हालांकि इस ओलंपिक में उनके हाथ कोई भी मेडल नहीं लग सका.