Home Blog जैविक खेती से करें मिट्टी का श्रृंगार,फसल चक्रण से उत्पादन होगा भरमार

जैविक खेती से करें मिट्टी का श्रृंगार,फसल चक्रण से उत्पादन होगा भरमार

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Beautify the soil with organic farming, crop rotation will increase production

सफलता की कहानी

Ro No- 13028/187

आवारा गौवंश का सहारा बनें किसान रमनलाल साहू

रायपुर, 22 सितम्बर 2024/ जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले धमतरी जिले के ग्राम गाड़ाडीह के किसान श्री रमन लाल साहू का सम्मान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विगत दिनों किया था। श्री साहू जैविक खेती कर मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने में महती भूमिका निभा रहे है,वही फसल चक्रण करके जल संरक्षण का काम भी कर रहे है।

आज के आधुनिक दौर में खेती किसानी के काम को उतना महत्व नहीं दिया जाता है, जितना की सरकारी या किसी अन्य नौकरी को दिया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी ने लोगों को खेती किसानी की ओर मुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। प्रगतिशील किसान श्री रमनलाल साहू ने परम्परागत खेती को पीछे छोड़ आधुनिक खेती को अपनाया है। जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए मृदा, जल एवं पर्यवरण संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय काम किया है। श्री साहू बताते हैं कि विगत 8 सालों से वह 3 एकड़ से अधिक जमीन पर धान की जैविक खेती कर रहे हैं। जल संरक्षण की दिशा में रबी फसल में दलहन-तिलहन की खेती कर रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरकता बढ़ने के साथ ही फसल का उत्पादन भी बढ़ा है।

श्री साहू बताते है कि किसान होने के साथ-साथ वह पशु मित्र भी है, उन्होंने गली-मोहल्लों में आवारा घूमने वाले गौवंश के लिए अपने खेत के समीप लगभग 25 डिस्मिल क्षेत्र में गौठान तैयार कर उनका संरक्षण कर रहे है। इन गौवंशो से प्राप्त होने वाले गोबर का उपयोग जैविक खेती करने में कर रहे हैं। वहीं दूध बेचकर हर माह 9 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं। श्री साहू ने यह भी बताया कि उन्होंने खेत में छोटा सा तालाब बनाया है, जिससे गौवंश के लिए पानी की व्यवस्था की है, वहीं क्रेडा की ओर से सोलर पैनल भी लगवाया है। इसके साथ ही गोबर गैस संयंत्र लगाकर गौवंश के लिए चारा की व्यवस्था करते हैं।

श्री रमनलाल साहू रासायनिक खेती के दुष्परिणामों के बारे में अन्य किसानों को अवगत कराते हुए जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही अपने गौशाला से उत्पादित गोबर, गौ मूत्र को अपने खेतों में उपयोग करते हुए जहरमुक्त अन्न की पैदावार कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं।

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