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वैध रेतघाटों की कमी, अवैध खनन का खेल जारी

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Lack of legal sand ghats, illegal mining continues

अवैध रेत खनन पर रोक लगाने में प्रशासन नाकाम

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जिले में अवैध खनन चरम पर: वैध रेतघाटों की कमी ने बढ़ाई मुश्किलें

रायगढ़। जिले में रेत खनन और परिवहन को लेकर स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। जिले में प्रचुर मात्रा में रेत होने के बावजूद अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। प्रशासन जहां नए रेतघाट स्वीकृत करने से हिचकिचा रहा है, वहीं चर्चा यह भी हो रही है कि राजनीतिक दबाव के कारण अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है। हाल ही में प्रशासन ने पिछले दिनों ट्रैक्टरों को जब्त किया, जिस पर विवाद होने की बात बताई गई।
रायगढ़ में रेत संकट गहराता जा रहा है। वैध रेतघाटों की कमी और प्रशासनिक उदासीनता के चलते अवैध खनन और परिवहन का कारोबार फल-फूल रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे, अन्यथा निर्माण कार्यों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा।

अवैध खनन पर प्रशासन की सख्ती, नेताओं का विरोध

लेबड़ा क्षेत्र में एक ट्रैक्टर के पलटने की घटना के बाद कलेक्टर ने खनिज विभाग को अवैध खनन और परिवहन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस कार्रवाई के तहत चार ट्रैक्टरों को जब्त किया गया, जिनमें अवैध रूप से रेत परिवहन की जा रही थी। इसके बाद मामला गरमा गया, क्योंकि सूत्रों के अनुसार, कई नेताओं ने इन ट्रैक्टरों को छुड़ाने की कोशिश की। हालांकि, कलेक्टर की सख्ती के चलते यह प्रयास विफल रहे।

खनिज विभाग ने स्पष्ट किया कि अवैध खनन में पकड़े गए वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इससे पहले भी अवैध खनन में शामिल कई वाहनों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बढ़ता नजर आ रहा है।

वैध रेतघाटों की कमी: अवैध खनन की जड़

रायगढ़ जिले में एक समय था जब 40 से अधिक रेतघाट स्वीकृत थे। उस समय निर्माण कार्यों के लिए रेत आसानी से उपलब्ध हो जाती थी। लेकिन अब जिले में केवल एक ही वैध रेतघाट है, जिसे पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद चालू किया गया है। पूरे जिले में निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिनके लिए रेत की भारी मांग है।

रायगढ़, खरसिया, घरघोडा, धरमजयगढ़ और लैलूंगा जैसे क्षेत्रों में अवैध खनन और परिवहन जोरों पर है। प्रशासन की लापरवाही और वैध रेतघाटों की कमी के चलते लोग मजबूरी में अवैध साधनों का सहारा ले रहे हैं।

अवैध खनन: स्थानीय जनता और पर्यावरण पर असर

अवैध खनन न केवल प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि यह पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। नदियों से अवैध खनन के कारण जल स्तर गिर रहा है और आसपास के क्षेत्रों में भूमि कटाव बढ़ रहा है। इसके अलावा, सड़कों पर बिना अनुमति ट्रैक्टर-ट्रॉली के आवागमन से दुर्घटनाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

रायगढ़ में रेत संकट का समाधान कैसे हो?

विशेषज्ञों का मानना है कि रेत संकट का समाधान करने के लिए प्रशासन को निम्न कदम उठाने चाहिए: जिले में उपलब्ध 40 घाटों को पुनः सक्रिय करने के प्रयास किए जाएं। अवैध खनन और परिवहन में शामिल लोगों पर सख्त जुर्माना और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित हो। वैध खनन के जरिए रेत की उचित कीमतों पर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रशासन को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होकर निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।

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