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श्रम मंत्री के बेटे को मिली चपरासी की नौकरी, सिविल कोर्ट में हुआ सेलेक्शन अब बहू को चुनावी मैदान में उतारने की कर रहे हैं तैयारी

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Labor Minister’s son got the job of a peon, got selected in the Civil Court, now he is preparing to field his daughter-in-law in the election.

झारखंड सरकार के श्रम-नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता प्यून (चपरासी) की नौकरी करेंगे। उनका सेलेक्शन उनके होम डिस्ट्रिक्ट चतरा सिविल कोर्ट में इस पद के लिए हुआ है।

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चतरा सिविल कोर्ट में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकली थी। इसका रिजल्ट शुक्रवार को जारी किया गया है। इसमें कुल 19 कैंडिडेट्स का सेलेक्शन किया गया है। इसमें मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता का नाम 13वें नंबर पर है। उनका सेलेक्शन एसटी कोटे के तहत हुआ है।

खास बात कि चपरासी के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची के अलावा एक वेटिंग लिस्ट भी निकाला गया है. इसमें मंत्री के भतीजे रामदेव भोक्ता का नाम है. लेकिन उन्हें तभी जगह मिल पाएगी, जब कोई सफल अभ्यर्थी ज्वाइन नहीं करेगा. इसके अलावा ट्रेजरी मैसेंजर के पद पर एक, दफ्तरी के लिए एक, नाइट गार्ड के लिए तीन और ड्राइवर के लिए एक अभ्यर्थी का चयन हुआ है.

चपरासी के लिए सेलेक्ट हुए मंत्री पुत्र मुकेश भोक्ता की शादी पिछले साल धूमधाम से हुई थी। वैवाहिक कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन खुद शामिल हुए थे। मंत्री पुत्र द्वारा चतुर्थ वर्गीय पद की नौकरी स्वीकार किए जाने पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा चल रही है।

चतरा में नया फॉर्मूला बिठा रहे हैं मंत्री सत्यानंद

कुछ समय पहले तक चतरा सीट एससी के लिए रिजर्व थी. सत्यानंद भोक्ता तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. दो बार भाजपा की टिकट पर तो 2019 में राजद की टिकट पर. हर बार किस्मत के धनी रहे. जिसकी भी सरकार बनी, इनको मंत्री पद मिला. लेकिन अब चतरा की राजनीति बदल गई है. क्योंकि केंद्र सरकार ने भोक्ता जाति को एसटी का दर्जा दे दिया है. जाहिर है कि अब सत्यानंद भोक्ता इस सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. लेकिन उन्होंने इस सीट पर बने रहने के लिए अलग तरीके से तैयारी भी शुरू कर दी है. उनके जिस तीसरे पुत्र मुकेश भोक्ता को चपरासी की नौकरी मिली है, उनकी शादी एससी समाज की लड़की से हुई. लिहाजा, चर्चा आम है कि सत्यानंद भोक्ता अपनी बहू को चतरा के राजनीतिक मैदान में उतारेंगे.

मंत्री सत्यानंद भोक्ता के कुल चार पुत्र हैं. पहले पुत्र बिनोद भोक्ता अपने पिता के साथ राजनीति करते हैं. दूसरे पुत्र बिरेंद्र भोक्ता खुद को राजनीति से अलग रखते हैं. उनकी पत्नी दारोगा हैं. तीसरे पुत्र मुकेश भोक्ता को चपरासी पद पर सरकारी नौकरी मिल गई है. उनकी शादी गिरिडीह में एससी समाज की लड़की से हुई है. चौथे पुत्र सिकंदर अभी अविवाहित हैं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. मंत्री सत्यानंद भोक्ता चतरा के सदर प्रखंड में कारी गांव के निवासी हैं.

वर्ष 2004 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार में उन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया था। तब उन्हें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मिला था। करीब चार महीने तक वे मंत्री पद रहे थे। 2004 का चुनाव जीतने के बाद अर्जुन मुंडा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार में उन्हें पुन: शामिल किया गया और उस बार उन्हें कृषि एवं गन्ना विकास मंत्रालय की जिम्मेवारी मिली थी।

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