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विकसित भारत के लिए युवा थीम पर संबलपुरी में सात दिवसीय विशेष शिविर का हुआ शुभारंभ

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Seven-day special camp started in Sambalpuri on youth theme for developed India.

रायगढ़, 26 दिसम्बर2023/ राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र रायगढ़ द्वारा संबलपुरी गांव में 23 से 29 दिसम्बर तक चलने वाले सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ किया गया। जिसका थीम था विकसित भारत के लिए युवा। सात दिवसीय शिविर के लिए महाविद्यालय द्वारा जिले में स्थित प्राथमिक शाला भवन संबलपुरी ग्राम पंचायत का चुनाव किया गया। शिविर के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित ग्राम पंचायत संबलपुरी सहोद्रा राठिया ने स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। श्रीमती सहोद्रा राठिया ने सभी स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा की विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आप जैसे युवाओं का हर तरीके से प्रतिबद्ध रहना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि सात दिन तक आप सब लोग मिलकर गाँव में किसानों और विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों हर प्रकार से जागरूक करेंगे। शिविर के पहले दिन सभी राष्ट्रीय स्वयं सेवकों को कार्यक्रम अधिकारी श्री गंगा राम राठिया द्वारा राष्ट्रीय सेवा के लिए शपथ दिलाया गया और सात दिन खूब मेहनत करके अपना श्रमदान करने के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के अधिष्ठाता डॉ.ए.के.सिंह ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा की विकसित भारत के विकास हेतु हम सभी को पूरे कर्तव्य एवं निष्ठा के साथ अपनी भागीदारी और श्रमदान करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा की इस सात दिवसीय विशेष शिविर से रोजाना कुछ नया सीखने का प्रयत्न करना होगा एवं गाँव के माहौल के साथ सामंजस्य बैठाना होगा। गांव के वरिष्ठ जन एवं विद्यालय के छात्र छात्राएं भी उपस्थित रहे। बौद्धिक परिचर्चा में महाविद्यालय के सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष सुनील कुमार गौतम ने विद्यार्थियों को शिक्षा में पुस्तकालय के योगदान के ऊपर व्याख्यान देते हुए बताया की पुस्तकालय किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए हृदय के समान होता है। उन्होंने पुस्तकालय के विभिन्न स्वरूपों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान में ई-लाइब्रेरी के माध्यम से शोध, विभिन्न जर्नल के आर्टिकल एक स्थान पर बैठकर ही पढ़ा जा सकता है। इंटरनेट के माध्यम से ई-संसाधन को आसानी से खोजा जा सकता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा की सार्वजनिक पुस्तकालय देश के पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए सर्वोत्तम स्थान है। उन्होंने विद्यार्थियों से विशेष आह्वान किया की मोबाइल, लैपटॉप या कम्प्यूटर से पढऩे के बजाय पुस्तकों से ज़्यादा से ज़्यादा अध्ययन करें जिससे कि आँखों की रोशनी कम ना हों और पढ़ाई को अधिक से अधिक रूचि के साथ किया जा सके। शिविर के दूसरे दिन मंगलवार को विद्यार्थियों द्वारा शिविर के कार्यों की शुरुआत प्रात: कालीन योगाभ्यास के साथ प्रारम्भ हुई, उसके बाद गाँव में प्रभात फेरी निकाली गयी। दिन के दूसरे पहर में गाँव में स्वच्छता अभियान के तहत छात्र-छात्राओं द्वारा सफाई कार्य संपादित किया गया।

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