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नियमितीकरण सहित 3 सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री व वित्त मंत्री को स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ प्रदेश भर के शिक्षक शिक्षिकाओं ने मिल सौंपा ज्ञापन

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बीजापुर/रायपुर @रामचन्द्रम एरोला – राज्य में पिछले 2018 की सरकार बदलते सरकार ने एक योजना और नई सोच शिक्षा के क्षेत्र में शुरुआत की थी पर इस योजना में भर्ती कर्मचारी 5 सालों से लगातार मांग करते रहे मांग नहीं हुआ था पूरा यही वजह है कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल व वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मिलकर पंजीकृत संगठन छत्तीसगढ़ सेजेस संविदा शिक्षक संघ के बेनर तले प्रदेश के भर के हजारों की तादात में पहुंच शिक्षक व अन्य कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपा जिसमें तीन मुख्य मांग करते हुए उन्होंने जिक्र किया और बताया कि छत्तीसगढ़ में 2020 से स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट हिंदी/अंग्रेजी माध्यम के 754 विद्यालय वर्तमान में संचालित है। जिसमें हजारों की संख्या में शिक्षक, ग्रंथालय, क्रीड़ाधिकारी, चपरासी एवं भूत कर्मचारी कार्यरत हैं। वही वि‌द्यालय का उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है। आगे कहा कि सेजेस संविदा शिक्षक एवं कर्मचारी संघ अपनी तीन सूत्रीय मांग पर ध्यानाकर्षित व न्यायोचित निर्णय उम्मीद जताई

पहला मांग

संविदा के स्थान पर कार्यरत सभी सेजेस कर्मचारियों का संविलयन।

सेजेस वि‌द्यालयों में शिक्षक व अन्य कर्मचारी संविदा पद पर 2020 से कार्यरत हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने सन 2018 और 2020 में शासन के पत्र क्रमांक एफ 12/03/2018/20 दो राज्य शासन के निर्णय अनुसार शासकीय शालाओं में कार्यरत शिक्षक पंचायत/नगरी निकाय जिनकी सेवाएं 01 जुलाई 2018 को 08 वर्ष या उससे अधिक पूर्ण हो चुकी है, के आधार पर उनकी सेवाओं नौकरी को दिनांक 01 जुलाई 2018 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन किया जाता है। उक्त आदेश के आधार पर सेजेस में कार्यरत शिक्षक जो 2 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूर्ण कर चुके का संविलयन स्कूल शिक्षा विभाग में करने की कृपा करें।

दुसरा मांग

वेतन विसंगति के साथ काल अवधि समस्या का निराकरण कर समान पद समान वेतन भुगतान का लाभ
देवें। यह कि सेजेस में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारी को निर्धारित समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो पाता है कहीं 5 तो कहीं 10 दिन इंतजार करना पड़ता है। साथ ही सेजेस के शिक्षकों का कार्यकाल कई जिले में 10 माह, 12 माह तो किसी जिले में 3 वर्ष का है। कर्मचारियों के वेतन का भुगतान सीधे बजट में पारित कर नियमित कर्मचारियों की भांति जिला कोषालय ट्रेजेरी, डीडीओ से कराने के साथ छत्तीसगढ़ में संचालित सभी सेजेस वि‌द्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का कार्यकाल एक समान करने कृपा करें।

तीसरा मांग

नियमित कर्मचारियों की भांति सीएल, टीए, डीए व एचआरए का लाभ राज्य में संचालित सेजेस विद्यालयों में कार्यरत समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नियमित शिक्षक एवं कर्मचारियों की इएल, सीएल, टीए, डीए व एचआरए की मांग। अब देखना होगा ज्ञापन सौंपने के बाद वर्तमान सरकार इन कर्मचारियों के कौनसे मांगों पूरा करती है वहीं अगर बात करें शिक्षा छत्तीसगढ़ में आज महत्वपूर्ण विषय है। वहीं इस शिक्षा को लोगों तक पहुंचने का काम करने वाले शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की मांगे भी जायज दिखता है वही बस्तर अंतर्गत वर्तमान स्कूलों में पदस्थ शिक्षक व अन्य पदों में आसींन शिक्षा विभाग के कर्मचारी इन्हें कहीं ना कहीं वर्तमान सरकार से उम्मीद है।

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