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अब नकली सूरज से मिलेगी ऊर्जा,सूरज से भी ताकतवर कृत्रिम सूर्य! साइंटिस्ट, न्‍यूक्लियर फ्यूजन के जरिये मिलेगी अनंत ऊर्जा

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Now you will get energy from fake sun, artificial sun is more powerful than the sun! Scientist, we will get infinite energy through nuclear fusion

चीन (China) के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम सूरज (artificial sun) तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है. ये एक ऐसा परमाणु फ्यूजन (nuclear fusion) है, जो असली सूरज से 13 गुना ज्यादा ऊर्जा देगा. कई सालों से चली आ रही ये रिसर्च (research) हाल ही में पूरी हुई है. माना जा रहा है कि इसी साल यानी 2020 में चीन इस कृत्रिम सूरज का इस्तेमाल शुरू कर देगा.
Artificial sun के इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक वैज्ञानिक Duan Xuru ने एक इंटरव्यू में कहा कि 2020 के ही किसी महीने इसे अमल में लाया जा सकता है

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वर्तमान में दुनिया भर में अनंत ऊर्जा के स्रोत खोजने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया जा रहा है। अमेरिका से लेकर चीन तक के वैज्ञानिक अनंत ऊर्जा के स्रोत पर शोध कर रहे हैं। इस बीच ब्रिटेन के मशहूर ऑक्सफोर्ड शहर के पास वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने गुरुवार को परमाणु संलयन ऊर्जा का रिकॉर्ड बनाया है। इसे स्वच्छ एवं शुद्ध अनंत ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। इस प्रयोग के दौरान 12 हजार घरों के लिए बिजली पैदा करने में सफलता मिली. परमाणु संलयन बिल्कुल वही तकनीक है जिसके आधार पर हमारा सूर्य काम करता है और इसीलिए इस प्रयोग को नकली सूरज बनाने का प्रयास कहा जा रहा है।

टोकामैक मशीन में तापमान 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस
वैज्ञानिकों ने इस टोकामैक मशीन में हाइड्रोजन के दो रूप ड्यूटेरियम और ट्रिटियम डाले, जिनका इस्तेमाल भविष्य के वाणिज्यिक संलयन संयंत्रों में भी किया जाएगा। संलयन ऊर्जा बनाने के लिए, वैज्ञानिकों की टीम ने मशीन में तापमान को 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा दिया, जो सूर्य के केंद्र से लगभग 10 गुना अधिक गर्म है।यदि असली सूर्य के टेम्प्रेचर की बात करें तो वह लगभग 15 मिलियन डिग्री सेल्सियस है. यह अत्यधिक गर्मी ड्यूटेरियम और ट्रिटियम को एक साथ मिलकर हीलियम बनाने के लिए मजबूर करती है, और इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। मशीन में शक्तिशाली चुंबक लगे होते हैं जो प्लाज्मा को थामे रखते हैं। फिर इस ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया जाता है।

टोकामैक मशीन के लिए यह प्रयोग अपनी तरह का आखिरी है जिसे पिछले 40 साल से इस्‍तेमाल किया जा रहा है। यह इस मशीन का आखिरी प्रयोग था जिसमें उसने नया रेकॉर्ड बना है। यह नए फ्यूजन प्रॉजेक्‍ट के लिए खुशखबरी माना जा रहा है। फ्रांस में दुनिया की सबसे बड़ी टोकामैक मशीन बनाया जा रहा है जिससे बड़े पैमाने पर ऊर्जा निकल सकती है। नाभिकीय संलयन पर आधारित ऊर्जा जलवायु संकट से लड़ने में क्रांति ला सकती है, लेकिन इसे व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करने में कई साल लग सकते हैं। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में नाभिकीय संलयन शोधकर्ता अनीका खान का कहना है कि तब तक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इसे मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल करना बहुत देर हो चुकी होगी।

इतनी आई कुल लागत
चीन ने सिचुआन प्रांत में मौजूद इस रिएक्टर को अक्सर आर्टिफिशियल सूर्य कहा जाता है. ये असली सूरज की तरह ही गर्मी और बिजली पैदा कर सकता है. रिपोर्ट बताती हैं कि न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी का विकास चीन की सामरिक ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने के साथ ही चीन के एनर्जी और इकॉनमी के विकास में सहायक सिद्ध होगा. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 22.5 बिलियन डॉलर है.

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