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बसंत पंचमी को के आई टी के शिक्षकों का सामूहिक उपवास बेहद दुर्भाग्यजनक

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Collective fast of KIT teachers on Basant Panchami is very unfortunate

सर्वविदित है कि अपने 22 माह के बकाया वेतन तथा छात्र छात्राओं के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला एवं अन्य सुविधाओं के लिए के आई टी के सभी कर्मचारी पूर्व में 77 दिवस तक धरना प्रदर्शन, क्रमिक हड़ताल एवं अन्य कई प्रकार का प्रदर्शन करते आ रहे हैँ,नवीन सरकार के गठन के साथ उन्हें अपनी सभी समस्याएं समाप्त होगी, ऐसी उम्मीद भी थी पर नई सरकार में भी कॉलेज की उपेक्षा होते देख शिक्षकों ने पुनः गत 12 फरवरी से आंदोलन की राह पकड़ ली है सोमवार से काली पट्टी लगाकर काम करते हुए वह शासन प्रशासन एवं प्रबंधन का ध्यान आकर्षण करने का प्रयास कर रहे हैं इसी तारतम्य में 14 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन एक दिवसीय सामूहिक उपवास किया।

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बसंत पंचमी को शिक्षकों का सामूहिक उपवास प्रबंधन के मुंह पर है करारा तमाचा
राम के नाम पर रामराज्य के स्थापना के मूल सिद्धांत को पालन करने के नाम पर आयी ये यह नई सरकार के शासन में माता सरस्वती के सच्चे उपासक,शिक्षकों को वेतन जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए 22 महीना से गिड़गिड़ाना और सरस्वती पूजन पर सामूहिक उपवास करना सरकार एवं प्रबंधन के मुंह पर करारे तमाचे से कम नहीं है प्रबंधन को इस समस्या की जल्द ही शुद्ध लेनी चाहिए।

पहले भी किया किया 77 दिनों तक प्रदर्शन और भूख हड़ताल

चुनाव से पहले केआईटी कर्मचारियों द्वारा 77 दिनों तक लगातार धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल किया था रायगढ़ से नंदेली तक की पदयात्रा भी की थी उस समय तात्कालिक विपक्ष भाजपा द्वारा शासन आने पर समस्या समाधान का वादा सभी मंचों पर किया था ओपी चौधरी ने भी के आईटी के शासकीय कारण एवं इसके उत्थान के लिए तात्कालिक मंत्री उमेश पटेल को पत्र लिखा था तथा अपने सरकार आने पर के आई टी के शासकीय कारण का वादा किया था इन दिनों उनकी के आई टी के शासकीयकरण की वीडियो रिकॉर्डिंग लगातार वायरल भी हो रही है मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी इस संबंध में सांसद रहते हुए शासकीय कारण का पत्र लिख चुके हैं।

करोड़ों की अधूरी संरचना का नहीं हो रहा सदुपयोग

के आई टी की स्थापना के समय शासन द्वारा 13 एकड़ भूमि दी गई थी जो आज के बाजार कीमत के आधार पर करोड़ों की हो चुकी है एक नवीन भवन एक पुराना भवन जहां वर्तमान में शहीद नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय संचालित हो रहा है और उसके साथ वर्कशॉप भवन कुल मिलाकर सभी का आंकलन करने पर लगभग 30 से 40 करोड़ रूपये की होगी,एक नवीन हॉस्टल जो 2 करोड़ की लागत में बना है आज तक हैंड ओवर नहीं हो पाया है के आईटी के साथ इनका भी लाभ क्षेत्र की जनता को नहीं हो पा रहा है।

सरस्वती पूजा के दिन सामूहिक उपवास कर कर्मचारियों ने फिर से चिर निंद्रा में लीन शासन को जगाने की प्रयास किया है अब देखिए आगे क्या होता है।

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