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बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से बुजुर्ग महिला की मौत, अब तक हो चुकी 21 मौते ,ऐसे करें बचाव जाने लक्षण…

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Elderly woman dies of swine flu in Bilaspur, 21 deaths so far, this is how to prevent, know the symptoms…

बिलासपुर के सेंदरी के रिवर व्यू कालोनी में रहने वाली 65 साल की एक बुजुर्ग महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई. महिला की मौत मंगलवार सुबह हुई. बुजुर्ग महिला का इलाज अपोलो हास्पिटल में चल रहा था. महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है.

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सीएमएचओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि महिला की तबीयत पिछले सप्ताह खराब हुई थी. उनकी सर्दी-खांसी की समस्या बढ़ती ही जा रही थी. महिला के परिजनों ने उन्हें 8 फरवरी को अपोलो हास्पिटल (Apollo Hospital) में भर्ती कराया था. जब उपचार के बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उनका स्वाइन फ्लू टेस्ट कराया गया. इसमें उनके स्वाइन फ्लू (Swine Flu Pandemic) पाजिटिव होने की पुष्टि की गई.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोनी के रिवर व्यू कॉलोनी में 65 वर्षीया बुजुर्ग महिला की तबियत खराब थी। शुरुआती तौर पर तो पहले सर्दी खासी हुआ। प्रारंभिक उपचार में राहत नहीं मिलने पर महिला को 8 फरवरी को अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां इलाज के बाद भी राहत न मिलने पर डॉक्टरों ने 11 फरवरी को लक्षणों के आधार पर स्वाइन फ्लू की आशंका जताई। स्वाइन फ्लू टेस्ट होने पर स्वाइन फ्लू वायरस की पुष्टि हुई। जिसके बाद स्वाइन फ्लू का इलाज शुरू हुआ। पर दो दिनों के इलाज के बाद कल मंगलवार को अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

महिला की मौत के बाद सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। महिला के परिवार वालों व उनके संपर्क में रहने वाले लोगों के सैंपल लेकर स्वास्थ्य महकमा जांच में जुटा है। स्वास्थ्य विभाग लक्षणों की पहचान कर जांच का दावा कर रही है। वही शहर में एक कोरोना का मरीज भी मिला है। स्वास्थ्य विभाग लगातार टेस्टिंग और ट्रेसिंग कर मरीजों के चिन्हांकन की बात कह रहा है।

क्या है स्वाइन फ्लू?
H1N1 टाइप ए इन्फ्लूएंजा एक वायरल इंफेक्शन होता है. यह इंफेक्शन मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला था. अब यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है. स्वाइन फ्लू के लक्षण (Symptoms of Swine Flu) नियमित इन्फ्लूएंजा से काफी मिलते-जुलते हैं. इसमें भी बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, दस्त, खांसी और छींक आने जैसे लक्षण शामिल होते हैं.

फ्लू सीजन में बेसिक हाइजीन का ख्याल रखना चाहिए और सर्जिकल मास्क पहनना चाहिए. Swine Flu के कई मामले गर्मी और मानसून सीजन में बढते हैं. इस बीमारी से बचाव के लिए कई टीकों के साथ ही एंटीवायरल ट्रीटमेंट भी मौजूद हैं.

ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूंक या मुंह और नाक से निकले द्रव कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाते हैं। यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकता है। अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।

स्वाइन फ्लू के लक्षण

नाक का लगातार बहना, छींक आना कफ, कोल्ड और लगातार खासी मासपेशियों में दर्द या अकडऩ सिर में भयानक दर्द नींद न आना, ज्यादा थकान दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढऩा गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना।

ऐसे करें बचाव

स्वाइन फ्लू से बचाव इसे नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी उपाय है। इसका उपचार भी मौजूद है। लक्षणों वाले मरीज को आराम, खूब पानी पीना चाहिए। शुरुआत में पैरासिटामॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं। बीमारी के बढऩे पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है।

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