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अजब-गजब चुनाव प्रचार: कंडोम के पैकेट से चुनाव प्रचार पर मचा बवाल ,खुद TDP और YSRCP ने शेयर किए वीडियो

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Strange election campaign: Chaos over election campaign using condom packets, TDP and YSRCP themselves shared videos

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव से पहले वोटर्स को लुभाने के लिए राजनीतिक पार्टियां कई तरह के गिफ्ट्स बांटती हैं। दक्षिण भारत में राजनीतिक दलों द्वारा जनता को लुभाने के लिए मिक्सर, पंखे, लैपटॉप सहित कई उपकरण भी दिए जाते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जहां देखा जा सकता है कि आंध्र प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां जनता के बीच कंडोम बांट रही है।

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चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियाँ बड़े-बड़े वादे करती हैं। कोई साइकिल देने की बात करती है, तो कोई सिलाई मशीन। कोई मोटरसाइकिल का वादा करता है, तो कोई हर महीने हजारों रुपए का। लेकिन आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रचार से जुड़ी एक अनोखी खबर सामने आई है। आंध्र प्रदेश में YSR कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) दोनों ही कंडोम पैकेट पर अपने पार्टी चिह्न छापकर बाँट रही हैं। खास बात ये है कि दोनों पार्टियाँ ट्विटर पर इस मुद्दे पर लड़ भी रही हैं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक व्यक्ति कंडोम बाँट रहा है। जिस पर वाईएसआरसीपी पार्टी का चुनाव निशान छपा है। यही नहीं, इन कंडोम पैकेट पर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की तस्वीर और पार्टी का चुनावी नारा “नवरात्नालु – आपके कल्याण के लिए” छपा है। पार्टी का दावा है कि यह पहल जनसंख्या नियंत्रण और सुरक्षित यौन संबंधों को बढ़ावा देने के लिए है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और प्रमुख विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) दोनों पार्टियों के प्रतीक चिन्ह वाले कंडोम पैक पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं को बांटे जा रहे हैं।

वायरल हो रहे एक वीडियो में जब एक टीडीपी कार्यकर्ता से पूछा गया कि कंडोम क्यों बांटे जा रहे हैं तो उसने जवाब दिया, “अगर बहुत सारे बच्चे होंगे तो ज्यादा पैसे बांटने होंगे इसलिए ये कंडोम बांटे जा रहे हैं।” कंडोम के पैकेट लोकसभा चुनाव के लिए घर-घर अभियान चला रहे पार्टी नेताओं द्वारा जनता को बांटे गए किट का हिस्सा थे।

ये ऐसे समय में सामने आ रहा है जब अप्रैल-मई में ही लोकसभा चुनाव होने की संभावना है. इस साल ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होना है. दोनों ही दल फिलहाल बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में से किसी का भी हिस्सा नहीं है. हालांकि राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि टीडीपी एनडीए में वापसी कर सकती है.

इन दोनों पार्टियों की इस पहल पर विवाद भी हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि यह चुनाव प्रचार का एक अनैतिक तरीका है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें वस्तु मानने जैसा है। चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यह देखना होगा कि आयोग इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है।

वैसे, यह निश्चित रूप से एक अनोखी पहल है, जिसके राजनीतिक और सामाजिक परिणाम देखने लायक होंगे। यह चुनाव प्रचार में एक नया मोड़ ला सकता है और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में भी मदद कर सकता है।

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