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गौरव वल्लभ ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा,कहा मैं रोज-रोज न सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता

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Gaurav Vallabh resigned from Congress, said I cannot raise anti-Sanatan slogans every day

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है. पार्टी से इस्तीफ़ा देने वाले गौरव वल्लभ भी भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में पहुंच गए हैं जहां वह पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. आज ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था. अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी आज जिस प्रकार से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है,उसमें मैं ख़ुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा. मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता. इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहा हूं.’

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गौरव वल्लभ ने सुबह साढ़े 8 बजे छोड़ी कांग्रेस, दोपहर 1 बजे बीजपी में हो गए शामिल, वही बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने कहा- मैंने अपने दिल की सारी व्यथाएं, जिसके बारे में मैं कांग्रेस पार्टी को समय-समय पर कांग्रेस पार्टी को अवगत कराया, वो अपने इस्तीफे में लिखा दिया था

गौरव वल्लभ के अलावा आरजेडी से विधान पार्षद उपेन्द्र प्रसाद भी बीजेपी में शामिल होंगे. उपेन्द्र प्रसाद 2019 लोकसभा चुनाव औरंगाबाद प्रत्याशी थे. इतना ही नहीं बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा भी आज बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

कौन हैं गौरव वल्लभ?

राजस्थान के जोधपुर से नाता रखने वाले गौरव कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट थे और तभी से वाव-विवाद में सबसे आगे थे. वह जमशेदपुर के XLRI कॉलेज में प्रोफेसर भी रहे. गौरव की तर्कशक्ति और लोकप्रियता के चलते कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रवक्ता बना दिया. कांग्रेस प्रवक्ता बनने के बाद गौरव की लोकप्रियता और बढ़ी. टीवी चैनल पर एक बहस में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनमी की बात कर रहे थे. ऐसे में गौरव ने उनसे पूछ लिया था कि एक ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं. उनका यह वीडियो काफी वायरल हुआ था.

क्यों दिया इस्तीफा?
दरअसल, वरिष्ठ नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दो पेज का पत्र लिखकर सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को दिशाहीन बताया। फिर यह भी कहा कि मैं रोज-रोज न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता हूं।

पत्र में ये भी लिखा
उन्होंने अपने पत्र में लिखा क अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया। परेशान किया। पार्टी व गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं। और पार्टी का उसपर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है। इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं। वहीं दूसरी ओर संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। यह कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है। यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।

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