Solar eclipse a day before Navratri, will it affect devotion to mother? Do not do these things during solar eclipse, when will the solar eclipse occur?
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या कहा जाता है. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का खास महत्व है. इस दिन स्नान, दान आदि किए जाते हैं. चैत्र अमावस्या के दिन पूर्वजों का पूजन करने का भी विधान है. इस बार चैत्र अमावस्या 8 अप्रैल, सोमवार के दिन पड़ रही है. इस बार यह अमावस्या कई मायनों में खास रहने वाली है.
8 अप्रैल की चैत्र अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है क्योंकि इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. भारतीय टाइम के मुताबिक यह ग्रहण 8 अप्रैल की रात में लगेगा. भारत में यह ग्रहण रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और मध्य रात्रि 1 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा.
कहां दिखाई देगा या सूर्य ग्रहण?
इसके अलावा यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, आर्कटिक, अटलांटिक, मेक्सिको, कनाडा, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों, मध्य अमेरिका, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा. अमेरिका के उत्तरी हिस्से में यह पूर्ण सूर्य ग्रहण साफ दिखाई देने वाला है भारत में नहीं दिखेगा यह सूर्य ग्रहण
इस सूर्य ग्रहण को लेकर अमेरिका की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि अमेरिका के कुछ हिस्सों में इस ग्रहण की हानिकारक किरणें सबसे ज्यादा प्रभावी होंगी जिसके लिए वहां सुरक्षा के खास इंतजाम किए जा रहे हैं. अमेरिका के कई राज्यों में 8 अप्रैल को स्कूल भी बंद रखे जाएंगे. इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के दौरान हानिकारक किरणों से बचने के लिए वहां की सरकार ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है.
सूर्य ग्रहण कब लगेगा
8 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 09 बजकर 12 मिनट से शुरू हो जाएगा जो मध्य रात्रि 01 बजकर 25 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे और 25 मिनट होगी. सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए नवरात्रि की पूजा में कोई बाधा नहीं आएगी.9 अप्रैल 2024 को चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाएगीग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होने के कारण किसी भी तरह पूजा-पाठ और शुभ कार्य में कोई पाबंदी नहीं होगी.
सूर्य ग्रहण में न करें ये काम (Surya Grahan donts)
ग्रहण में नहीं खाते अन्न – धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य या चंद्र ग्रहण के वक्त खाना नहीं खाना चाहिए. पुराणों के माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ग्रहण के दौरान अन्न खाता है उसे नरक की कठिन यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. सूर्य ग्रहण के सूतक काल में ही भोजन में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए.
ग्रहण में इन पेड़ों को न छुएं – हिंदू धर्म में तुलसी और पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है. सूर्य ग्रहण के समय में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. मान्यता के अनुसार तुलसी में मां लक्ष्मी और पीपल में भगुान विष्णु का वास होता है. इसलिए सूर्य ग्रहण में इन पेड़ों को नहीं छूना चाहिए. ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.
देवी-देवता की प्रतिमा न छुएं – सूर्य ग्रहण के समय भूलकर भी देवी-देवताओं की मूर्ति को न छुएं और न ही पूजा करें. माना जाता है कि ऐसा करने से दोष लगता है. इसलिए ही इस दौरान सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं. इस दिन सिर्फ पाठ करें. इससे ग्रहण के दुष्प्रभाव खत्म हो सकते हैं.
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी – सूर्य ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. वे इस दौरान सावधानियां बरतें. सूतक शुरू होने से ग्रहण खत्म होने तक घर से बाहर न निकलें और न ही घर की छत पर जाएं. इसके अलावा नुकीली चीजों जैसे सुई, कैंची, चाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
खरीदारी न करें – हिंदू मान्यता के अनुसार सूतक काल के समय पृथ्वी का वातावरण दूषित हो जाता है. सूतक के अशुभ प्रभाव से सुरक्षित रहने के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण और सूतक के दौरान कोई भी शुभ काम, पूजा या खरीदारी न करें. ऐसा करने से कुंडली में शुभ ग्रहों का प्रभाव कम होने लगता है.
नया काम शुरू करने से बचें- सूर्य ग्रहण के दौरान नेगेटिव एनर्जी बढ़ जाती है, इसलिए इस दौरान कैसे भी नए काम की शुरुआत करने या मांगलिक कार्य करने से बचें. साथ ही ग्रहण के दौरान नाखून काटने और कंघी करने से भी बचें.