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समीपस्थ ग्राम बोरसी (ध) में माता कर्मा मंदिर में की गई मूर्ति स्थापना एवं जयंती विधायक इन्द्र साव की आतिथ्य में मनाई गई।

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The idol was installed in the Mata Karma temple in the nearby village Borsi (Dha) and its birth anniversary was celebrated in the hospitality of MLA Indra Saav.

सौरभ बरवाड़@भाटापारा- विगत रविवार को समीपस्थ ग्राम बोरसी (ध) में ग्रामीण साहू समाज के तत्वावधान में ग्राम में साहू समाज के नवनिर्मित मंदिर में माता कर्मा की मूर्ति स्थापना सुबह 10 बजे पूजन के साथ भक्त माँ कर्मा की जयंती समारोह बड़े ही धुमधाम से भक्तिपूर्ण वातावरण में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में श्रीमती लिलेश्वरी साहू संयुक्त सचिव प्रदेश साहू संघ महिला प्रकोष्ठ, भरत साहू उपाध्यक्ष तहसील साहू संघ भाटापारा, श्रीमती ममता कमलेश साहू उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ तहसील साहू संघ भाटापारा, सहदेव साहू अध्यक्ष मोपर परिक्षेत्र, तिहारू राम साहू अध्यक्ष तरेंगा परिक्षेत्र, रामसागर साहू अध्यक्ष सिंगारपुर परिक्षेत्र, कुलेश्वर साहू अध्यक्ष मोपका परिक्षेत्र एवं नगर, तहसील, ग्रामीण परिक्षेत्र के समस्त प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के साथ सैकड़ों की संख्या में स्वजातिय बंधुओं व भगनियो ने भाग लिया। इसके पश्चात् दोपहर 3 बजे से इस कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने माता कर्मा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपने संबोधन में बताया कि माँ कर्मा जब बाल्यावस्था में थी तब उनके माता-पिता उन्हे घर में अकेली छोड़ कर किसी कार्य से कुछ दिनों के लिए बाहर गये थे। तब वे अपनी पुत्री भक्त माँ कर्मा से कहकर गये थे कि वह स्वयं भोजन करने से पहले भगवान श्री कृष्ण को प्रतिदिन भोग लगाकर ही भोजन करें। माँ कर्मा ने प्रथम दिवस ऐसा ही किया। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को भोग लगा दिया। फिर कुछ देर तक बैठी रही। कुछ समय पश्चात् उसने भोग की थाली को देखा तो वह वैसी की वैसी ही दिखी भगवान श्री कृष्ण ने भोग को ग्रहण नहीं किया था। तब माँ कर्मा ने ठान लिया कि जब तक भगवान भोग नहीं करेंगे तब तक वह भी खाना नहीं खायेगी। वह कई दिनों तक भूखे ही रहीं। तब भगवान श्री कृष्ण ने उनके हठ के आगे नतमस्तक होकर उनको स्वयं दर्शन देकर उनका लगाया भोग ग्रहण किया। जो खिचड़ा के रूप में था। ऐसी भक्त थी माता कर्मा। हम सभी उसी भक्त माता कर्मा की संताने है, जिसका हमें गर्व है। कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में सामाजिक व ग्रामीण जन उपस्थित रहें।

Ro No- 13028/187

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