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बिरनपुर दंगे में सीबीआई ने दर्ज की FIR,छत्तीसगढ़ में सीबीआई पर लगा प्रतिबंध हटा,केन्द्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

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CBI registered FIR in Biranpur riots, ban on CBI lifted in Chhattisgarh, central government issued notification

छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 में हुई अनियमितता की जांच सीबीआई करेगी। केन्द्र सरकार ने इस मामले में विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। सीएम विष्णुदेव साय सरकार ने भी पीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी और युवाओं की शिकायत को लेकर 3 जनवरी 2024 कैबिनेट बैठक में इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद केन्द्र सरकार ने जांच के लिए अधिसूचना जारी कर यह मामला अब सीबीआई के सुपूर्द कर दिया है। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार होने से गंभीर प्रकृति के अपराधों की जांच-पड़ताल सीबीआई से कराने का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही यह मामला भी सीबीआई के जिम्मे होगा।

 

जानिए क्या था मामला

दरअसल, शानिवार 8 अप्रैल 2023 को दो लड़कों में विवाद हुआ था। विवाद के दौरान एक लड़के ने दूसरे लड़के पर बोतल फोड़ दी थी। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि दोनों गुटों के लोग भी वहां डंडा, पत्थर, राॅड और धारदार हाथियार लेकर पहुंच गये। दोनों समुदायों के लोग एक दूसरे पर हमला कर दिए। हमले की जानकारी जब साजा पुलिस को हुई तो सब इंस्पेक्टर बीआर ठाकुर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सब इंस्पेक्टर ने भीड़ में घुसकर लोगों को समझाने की कोशिश की तो उन पर भी हमला कर दिया। कुछ लोगों ने तो गाड़ियों में भी आग लगा दी गई। इस घटना में गांव के एक 22 वर्षीय युवक भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। युवक के मौत के बाद जमकर हिंसा भड़की थी। कलेक्टर ने हिंसा को शांत करने पूरे जिले में धारा 144 लागू की थी। मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता इश्वर साहू ने मामले में सीबीआई जाँच की मांग की थी। इश्वर साहू वर्तमान में साजा विधानसभा क्षेत्र से विधायक है।

जारी अधिसूचना के अनुसार सीबीआइ राज्य की सीमा में कहीं भी कार्रवाई कर सकती है। इसे लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार का बड़ा कदम माना जा सकता है। बता दें कि दिसंबर 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 10 जनवरी 2019 में सीबीआइ पर बैन लगाया था।

प्रदर्शन के दौरान पिता पुत्र की हत्या

मालूम हो कि बंद 10 अप्रैल 2023 को बिरनपुर में हुई हिंसा के विरोध में बजरंग दल और वीएचपी ने बंद का आह्वान किया था। इसी दौरान बिरनपुर गांव में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी घुस आये थे। बिरनपुर शक्तिघाट निवासी रहीम उर्फ मन्नू और पुत्र ईदुल बकरी चराने निकले थे। तभी दोनों की हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में सात दिनों तक चली जांच के दौरान पुलिस ने वीडियो फुटेज, मोबाइल सीडीआर तकनीकी विशलेषण के आधार पर आठ की पहचान कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
अधिसूचना जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ में सीबीआई को जांच और छापेमारी करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमति मिल गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार सीबीआई राज्य की सीमा में कहीं भी कार्रवाई कर सकती है। जांच एजेंसी सबसे पहले भूपेश सरकार में बिरनपुर में सांप्रदायिक हिंसा में हुई एक युवक की हत्या और सीजीपीएससी घोटाले की जांच करेगी।

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