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सुलगते पहाड़, धधकते जंगल और सांसों की तबाही… नैनीताल के जंगलों में आग का तांडव ,अब हेलीकॉप्टर से बरसाया जाएगा पानी

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Smoldering mountains, blazing forests and breathless devastation… Orgy of fire in the forests of Nainital, now water will be rained from helicopters.

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है. वनाग्नि पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं. इस साल वनाग्नि में अभीतक लाखों रुपए की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है. वहीं वन्यजीवों की जान को भी खतरा बना हुआ है. यही कारण है कि अब जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है.

 

एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से जंगलों में पानी बरसाया जा रहा है, ताकि जंगलों की आग पर काबू पाया जा सके.
उत्तराखंड के नैनीताल के जंगलों में आग धधक रही है. बीते 36 घंटों से लगातार जल रहे जंगल को लेकर प्रशासन आग की रोकथाम में लगा है. अब इसे बुझाने के लिए भारतीय वायु सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. शनिवार को एयरफोर्स के एम.आई.17 हैलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों पर डालना शुरू कर दिया है.

उत्तराखंड के नैनीताल में आग लगने से हड़कंप मचा हुआ है. वन संपदा का लगातार नुकसान हो रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रशासन के आला अधिकारियों की लंबी बैठक चली. इसके बाद निर्णय लिया गया कि आग पर हवा से काबू पाने के लिए एयरफोर्स के हैलीकॉप्टर की मदद ली जाए.

शनिवार सुबह वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरा और नैनीताल जिले के पाइंस क्षेत्र में आग बुझाई. दरअसल, नैनीताल शहर से लगे पाइंस, भूमियाधार, ज्योलिकोट, नारायणनगर, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर आदि के जंगल बीते कई दिनों धधक रहे हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद भी वन विभाग, फायर ब्रिगेड और प्रशासन वनाग्गि पर काबू नहीं पा रहे हैं. वहीं जंगलों की आग अब धीरे-धीरे रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रही है.

24 घंटों में आग लगने की 31 घटनाएं हुईं, 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है. वन विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 घटनाएं हुईं, जबकि गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं हुईं, जहां 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.
पिछले साल 1 नवंबर से अब तक राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. जखोली और रुद्रप्रयाग के दो अलग-अलग क्षेत्रों में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और सभी विभागों के साथ समन्वय करके आग को रोकने के उपाय करने के लिए कहा है. रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने कहा कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते समय मौके से पकड़ लिया गया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसने अपनी भेड़ों को चराने के लिए नई घास उगाने के लिए आग लगाई थी.

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