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कवि विजय कुमार कोसले ने लोकतंत्र के महान पर्व आम चुनाव में अपने प्रदेश के आम लोगों को *छत्तीसगढ़ी भाषा में कविता के माध्यम से लोकसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का दिया संदेश।

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Poet Vijay Kumar Kosle, in the great festival of democracy, gave a message to the common people of his state to actively participate in the Lok Sabha elections through poetry in Chhattisgarhi language.

दिलीप टंडन/सारंगढ़ न्यूज
वोट म अतका शक्ति हे,
मिशाइल तोप समान।
किमत एकर समझ जाय ल,
नेता बनही महान,
नेता बनही सच्चा,
तभे काम करही अच्छा,
सुन ले दीदी सुन ले भैया,
सब वोट देहे बर जाहा,
वोट अमर अनमोल हवय,
झिन रूपया म बेचाहा।
हाथ जोड़ आही नेता कतको,
बड़े बड़े आश धराही,
आनी बानी घलो वादा करके,
मन ल हमर भरमाही।
कोनो-कोनो नेता मुर्गा दारू के,
रतिहा पार्टी में बलाही,
फिर चुनाव जीत ऐसने नेता मन,
राज दुर्योधन कस चलाही।
कतको नेता अड़हा रहिथे
कुर्सी पा के इतराथे,
बड़े बड़े घोटाला करके वो
गरीब के हक ल खाथे।
सोच समझ के सबला संगी
विकास के अलख जगाना हे,
शिक्षित जुझारू कर्मठ नेता चुन
ओला कुर्सी म बैठाना है

 

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