CM’s wife Sunita Kejriwal should remove this video from social media, Delhi High Court sent notice, Sunita Kejriwal’s problems increased
दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को सोशल मीडिया पर अदालत की कार्यवाही का वीडियो हटाने का निर्देश दिया। सुनीता केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर ये वीडियो तब पोस्ट किया था जब अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार होने के बाद अदालत के सामने पेश हुए थे। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने सुनीता केजरीवाल और अन्य के खिलाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है।
अगली सुनवाई तक का समय दिया गया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुनीता केजरीवाल को केस की अगली सुनवाई की तारीख 9 जुलाई तक का समय दिया गया है। उन्हें आदेश का पालन करने के सख्त निर्देश मिले हैं। याचिकाकर्ता वकील वैभव ने जनहित याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि 28 मार्च 2024 को अरविंद केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान वीडियो तब रिकॉर्ड किया गया, जब केजरीवाल अपना पक्ष रख रहे थे। इतना ही नहीं वीडियो को #MoneyTrailExposedByKejriwal के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया गया, जबकि कोर्ट की कार्यवाही को रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता। ऐसा होने से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है। इस तरह कोर्ट की कार्यवाही का वीडियो बनाने से साजिश की बू भी आ रही है तो कार्रवाई की जाए।
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फेसबुक, इंस्टा और यूट्यूब से भी हटाया जाए वीडियो- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म कंपनी एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को भी इस सामग्री को हटाए जाने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
सीएम ने पत्नी को मेडिकल चेकअप VC में शामिल होने की मांगी अनुमति
वहीं, दूसरी ओर राउज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुनवाई हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर राउज ऐवन्यू कोर्ट अब 19 जून को सुनवाई करेगा। सीएम की इस अर्जी में केजरीवाल ने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अपने मेडिकल चेकअप में VC से शामिल होने की अनुमति देने की मांग की है।
अब 19 जून को होगी मामले की सुनवाई
शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान जेल अथॉरिटी की तरफ से कहा गया कि इस कोर्ट के आदेश की कॉपी रात में ही मिली है। इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए हमें कुछ समय चाहिए होगा। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई को 19 जून के लिए तय कर दी है।
करीब 10 मिनट का वीडियो वायरल हुआ
याचिकाकर्ता वैभव ने हाईकोर्ट को बताया कि करीब 10 मिनट का वीडियो है, जो आम आदमी पार्टी द्वारा जानबूझ कर वायरल किया गया, ताकि केजरीवाल को प्रचारित किया जा सके। अगर वे निर्दोष हैं तो इस तरह की हरकतें करने की जरूरत नहीं हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया है। उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार करके 10 दिन के रिमांड के बाद एक अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया। उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हुईं, लेकिन 10 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। गत 2 जून को अरविंद केजरीवाल वापस जेल गए हैं।
एसआईटी के गठन की मांग
अदालत में दायर याचिका में एक एसआईटी के गठन की मांग की गई है, जो उन लोगों के खिलाफ जांच करे और एफआईआर दर्ज करे, जिन लोगों ने कोर्ट की कार्यवाही का ऑडियो और वीडियो सार्वजनिक किया। याचिका में कहा गया है कि इस कदम ने ट्रायल कोर्ट के जज की जान को खतरे में डाल दिया है।
आप के नेताओं पर साजिश करने का आरोप
याचिका में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने जानबूझकर और इरादतन कोर्ट की कार्यवाही का ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग किया और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया। इससे कोर्ट की कार्यवाही को बिगाड़ने और गलत दिशा में मोड़ने का प्रयास किया गया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोर्ट की कार्यवाही की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग करने की साजिश अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सदस्यों द्वारा रची गई थी।