Opposition walkout in Rajya Sabha, Opposition walked out during PM Modi’s speech, Chairman said- Constitution was turned away, PM Modi said- ‘Those who spread lies are unable to hear the truth’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा को संबोधित किया. पीएम मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में हंगामा किया और बीच में ‘एलओपी, एलओपी’ के नारे लगाए. इतना ही नहीं विपक्ष पीएम मोदी के भाषण के बीच सदन से बाहर चले गए. इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ खफा हो गए और विपक्ष को खरी-खोटी सुनाई.
उन्होंने कहा, “मैं अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक और अमर्यादित आचरण से दुखी हूं. शासन लगातार तीसरे कार्यकाल में है. मैंने चर्चा की और अनुरोध किया. मैंने नेता प्रतिपक्ष को बिना रोक-टोक बोलने की अवसर दिया. आज वे सदन छोड़कर नहीं गए है, मर्यादा छोड़ कर गए हैं. ”
जगदीप धनखड़ ने की विपक्ष की निंदा
धनखड़ ने आगे कहा कि आज उन्होंने (विपक्ष) मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई है. आज उन्होंने मेरा अनादर नहीं किया है, बल्कि उस शपथ का अनादर किया जो संविधान के तहत ली है. भारत के संविधान के लिए इससे बड़ी अपमानित बात नहीं हो सकती. मैं उनके इस आचरण की निंदा करता हूं.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के पास सच सुनने की ताकत नहीं है। विपक्ष मैदान छोड़कर भागा है। विपक्ष जनादेश को पचा नहीं पा रहा है। वह सत्य का मुकाबला नहीं कर सकता है। पीएम मोदी ने कहा, ‘देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती। इनके पास सत्य का मुकाबला करने का हौसला नहीं है। इतनी चर्चा के बाद उनमें उठाए गए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत भी नहीं है। ये उच्च सदन की महान परंपरा को अपमानित कर रहे हैं। देश की जनता ने हर प्रकार से उनको इतना पराजित कर दिया है।’
विपक्ष के वॉकआउट की सभापति जगदीप धनखड़ ने भर्त्सना की और कहा कि इससे देश के 140 करोड़ लोग आहत होंगे. आज वो सदन छोड़कर नहीं, मर्यादा छोड़कर गए हैं. ये हमारा और आपका अपमान नहीं, सदन का अपमान है. वह मुझे पीठ दिखाकर नहीं गए हैं, भारत के संविधान को पीठ दिखाकर गए हैं. बहुत दुखी हूं, भारत के संविधान का इतना अपमान, इतना बड़ा मजाक. आशा करता हूं कि वे आत्ममंथन करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों ने जो जनादेश दिया है, उसको ये पचा नहीं पा रहे हैं. कल इनके सारे हथकंडे फेल हो गए. आज इनमें लड़ने का हौसला भी नहीं रहा. मैं तो कर्तव्य से बंधा हुआ है. देश का सेवक हूं. उन्होंने फर्टिलाइजर को लेकर कहा कि वैश्विक संकटों की वजह से कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं लेकिन हमने 12 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर इसका असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया. हमने कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक पैसा किसानों तक पहुंचाया. अन्नभंडारण का विश्व का सबसे बड़ा अभियान हमने हाथ में लिया और इस दिशा में काम चल पड़ा है. फल और सब्जी की तरफ हम चाहते हैं कि किसान मुड़े और उसके भंडारण की दिशा में हम काम कर रहे हैं. सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर हमने देश की विकास यात्रा को रफ्तार देने की कोशिश की है. आजादी के बाद अनेक दशकों दक जिनको कभी पूछा नहीं गया, हमारी सरकार उनको पूछती तो है, पूजती भी है. दिव्यांग भाई-बहनों के साथ उनकी कठिनाइयों को समझते हुए गरिमापूर्ण जीवन की दिशा में काम किया है. हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित वर्ग ट्रांसजेंडर वर्ग है. हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर साथियों के लिए कानून बनाने का काम किया है. पश्चिम के लोगों को भी आश्चर्य होता है कि भारत इतना प्रोग्रेसिव है. पद्म अवॉर्ड में भी ट्रांसजेंडर को अवसर देने में हमारी सरकार आगे आई.
ये लोग रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने के आदी: पीएम मोदी
राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा, ‘जो ये मानते हैं कि इसमें क्या है, ये तो होने ही वाला है, ये तो अपने आप हो ही जाएगा, ऐसे विद्वान हैं। ये लोग ऐसे हैं, जो ऑटो पायलट मोड में, रिमोट कंट्रोल सरकार चलाने के आदी हैं। ये कुछ करने धरने में विश्वास नहीं रखते, ये इंतजार करना जानते हैं। लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं रखते हैं। पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है, उसकी गति भी बढ़ाएंगे, उसका विस्तार भी करेंगे। गहराई भी होगी, ऊंचाई भी होगी और हम इस संकल्प को पूरा करेंगे।’
सभापति ने क्या कहा?
विपक्षी सांसदों के वॉकआउट करने पर सभापति ने कहा कि विपक्ष ने उन्हें पीठ नहीं दिखाई बल्कि संविधान को पीठ दिखाई है।
क्या है पूरा मामला?
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते समय विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया, नारे लगाए और वॉकआउट कर दिया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
जब विपक्षी सांसद वॉकआउट कर रहे थे उस ही समय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है। जिनमें सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठाए गए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।”