Rahul Gandhi met loco pilots at New Delhi Railway Station, ‘These loco pilots were brought from outside, not from our lobby’, Railway’s statement on Rahul Gandhi’s meeting sparked controversy

राहुल गांधी ने बीते दिन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का दौरा कर लोको पायलटों से मुलाकात की और उनसे उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। राहुल की इस मुलाकात को लेकर अब नया विवाद छिड़ गया है।
कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोको पायलट्स से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने लोको पायलट्स का हालचाल पूछा. साथ ही उनकी परेशानियां भी सुनीं. इस मुलाकात को लेकर कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरे भारत से लगभग 50 लोको पायलटों से मुलाकात की. उन्होंने उन्हें अपनी समस्याएं बताईं. लोको पायलट्स ने अपर्याप्त आराम की शिकायत की. वे घर से बहुत दूर लंबी दूरी की ट्रेनें चलाते हैं और अक्सर पर्याप्त ब्रेक के बिना उन्हें ड्यूटी पर लगाया जाता है. इससे बहुत तनाव होता है और एकाग्रता में कमी आती है, जो दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है. विशाखापट्टनम हादसे को लेकर हुई हालिया जांच समेत कई रिपोर्ट्स में रेलवे ने इस बात को स्वीकार किया है.
कांग्रेस ने कहा कि लोको पायलट 46 घंटे के बाद साप्ताहिक आराम मांगते हैं. इसका मतलब है कि शुक्रवार दोपहर को घर लौटने वाला ट्रेन चालक रविवार सुबह से पहले ड्यूटी पर नहीं लौटेगा. विमान के पायलटों को भी आमतौर पर इतना ही आराम मिलता है. लोको पायलट्स ने ये भी मांग की कि लगातार दो रातों की ड्यूटी के बाद एक रात का आराम मिलना चाहिए और ट्रेनों में ड्राइवरों के लिए बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए. आराम की कमी की वजह कर्मचारियों की कमी है, क्योंकि सरकार ने लोको पायलटों की सभी भर्तियां रोक दी हैं.
रेलवे में है ये नियम
रेलवे अधिनियम 1989 और अन्य नियमों में पहले से ही प्रति सप्ताह 30 जमा 16 घंटे आराम का प्रावधान है, जिसे लागू नहीं किया जा रहा है। हवाई जहाज के पायलटों को भी आम तौर पर इतनी ही छूट मिलती है। कांग्रेस का कहना है कि लोको पायलट की यह भी मांग है कि लगातार दो रात की ड्यूटी के बाद एक रात का आराम होना चाहिए और ट्रेनों में चालकों के लिए बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए।
लोको पायलटों ने जताई ये आशंका
राहुल गांधी और लोको पायलट की इस मुलाकात के दौरान यह मुद्दा भी उठा कि सरकार द्वारा लोको पायलटों की सभी भर्ती रोक देने के और कर्मचारियों की कमी के कारण (उन्हें) कम आराम मिल पाता है।कांग्रेस ने कहा, ‘‘पिछले चार वर्ष में, रेलवे भर्ती बोर्ड ने हजारों रिक्तियों के बावजूद एक भी लोको पायलट की भर्ती नहीं की। पायलटों ने आशंका जताई कि यह जानबूझकर उठाया गया कदम मोदी सरकार की रेलवे का निजीकरण करने की योजना है।
लोको पायलटों की समस्याएं संसद में उठाएंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने लोको पायलटों को बताया कि वह रेलवे के निजीकरण और भर्ती की कमी का मुद्दा लगातार उठाते रहे हैं। कांग्रेस ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने उनकी चिंताओं को सुना और पर्याप्त आराम की उनकी मांग का पूरा समर्थन किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी। उनकी मांगों को सरकार के समक्ष उठाने का विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने वादा किया।
मुलाकात पर छिड़ा विवाद
राहुल गांधी की लोको पायलट से मुलाकात के बाद अब उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) दीपक कुमार का बयान आया है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर विपक्ष के नेता ने जिन क्रू सदस्यों के साथ चर्चा की, वे उनकी लॉबी से नहीं थे, बल्कि बाहर से हो सकते हैं।
सीपीआरओ दीपक कुमार ने एएनआई से बात करते हुए कहा राहुल जब आए उनके साथ 7-8 कैमरामैन थे, उन्होंने हमारी क्रू लॉबी का दौरा किया और जांच की कि हम अपनी क्रू लॉबी को कैसे बुक करते हैं। क्रू लॉबी से बाहर आने के बाद उन्होंने कुछ लोगों से चर्चा की। वहां करीब 7-8 क्रू सदस्य थे जो हमारी लॉबी से नहीं थे, लेकिन ऐसा लगता है कि वे बाहर से थे।