Arvind Kejriwal gets relief, Supreme Court grants interim bail, but Kejriwal will still remain in jail, know what the Supreme Court said
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras stampede) में सत्संग के दौरान मची भगदड़ के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच कराने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए कहा. दो जुलाई को हुई इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी. CJI डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ऐसी घटनाएं परेशान कर देने वाली हैं लेकिन हाई कोर्ट ऐसे मामलों का निपटारा करने में समर्थ है.
कोर्ट ने कहा, ”बेशक, ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं. आमतौर पर ऐसी घटनाओं को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए याचिकाएं दायर की जाती हैं. उच्च न्यायालय ऐसे मामलों का निपटारा कर सकता है. याचिका खारिज की जाती है.”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
उच्चतम न्यायालय ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया, याचिकाकर्ता से उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सीधे अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट क्यों आए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा।
घटना परेशान करने वाली- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले को देखते हुए कहा कि कहा कि ये घटना परेशान करने वाली है। लेकिन ऐसे मामलों को देखने के लिए हाई कोर्ट भी पर्याप्त है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले में याचिका पर सुनवाई से इनकार किया और हाई कोर्ट जाने को कहा।
भगदड़ में 121 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि दो जुलाई को हाथरस में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक, हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि ऊर्फ भोले बाबा का सत्संग चल रहा था। इस सत्संग में 2.5 लाख लोग शामिल हुए थे।