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आगामी बजट में आम जनता को मिलनी चाहिए राहत, आयकर में राहत दे सरकार, AIFTP ने दिया सुझाव

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The general public should get relief in the upcoming budget, the government should give relief in income tax, AIFTP gave suggestion

Budget 2024: डायरेक्ट टैक्स प्रोफेशनल्स के एक बॉडी ने सरकार से आगामी बजट में आम लोगों पर आयकर का बोझ कम करने का अनुरोध किया है. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (एआईएफटीपी) के अध्यक्ष नारायण जैन ने रविवार को कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना चाहिए. उन्होंने अनुपालन को सुगम बनाने के लिए कर ढांचे को सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
आसान होना चाहिए टैक्स स्ट्रक्चर

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ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) के अध्यक्ष नारायण जैन ने कहा कि सरकार को टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देना चाहिए। इसके अलावा नारायण जैन ने टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने पर जोर दिया। नारायण जैन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इससे संबंधित ज्ञापन दिया है।

जैन द्वारा दिए गए ज्ञापन के अनुसार जैन ने कहा कि 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की इनकम पर 10 फीसदी, 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच की आय पर 20 प्रतिशत और 20 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 25 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाए।

नारायण जैन कलकत्ता सिटीजन्स इनिशिएटिव के अध्यक्ष भी हैं। जैन ने अधिभार यानी सरचार्ज और उपकर (Cess) को खत्म करने का सुझाव दिया। उन्होंने तर्क दिया कि अब इसकी निरंतरता उचित नहीं है।
जैन कलकत्ता सिटीजंस इनिशिएटिव के भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने अधिभार और उपकर को समाप्त करने की वकालत करते हुए कहा कि इन्हें जारी रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार पर्याप्त रूप से यह नहीं बताती है कि शिक्षा उपकर का उपयोग कैसे किया जाता है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार का मौलिक कर्तव्य है। ज्ञापन में अस्पष्ट नकद क्रेडिट, ऋण, निवेश और व्यय पर धारा 115बीबीई के तहत कर की दर का भी उल्लेख किया गया है, जिसे नोटबंदी के दौरान बढ़ाकर 75 प्रतिशत और उपकर कर दिया गया था। जैन ने इस दर को मूल 30 प्रतिशत पर वापस लाने की वकालत की है।

इसमें भी कटौती की सिफारिश की
ज्ञापन में अस्पष्ट कैश क्रेडिट, लोन, निवेश और खर्च पर धारा 115बीबीई के तहत कर की दर का भी उल्लेख किया गया है, जिसे नोटबंदी के दौरान बढ़ाकर 75 फीसदी और सेस कर दिया गया था. जैन ने इस दर को मूल 30 फीसदी पर वापस लाने की वकालत की है. देश की वित्त मंत्री 23 जुलाई को बजट पेश करने जा रही है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार बजट में किसानों के लिउए बड़े ऐलान हो सकते हैं. इसका मतलब है कि इस बार सरकार रूरल इकोनॉमी पर फोकस करते हुए बजट पेश कर सकती है.

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