Ajendra Ajay objected to Swami Avimukteshwarananda’s statement on gold theft, said ‘bring the evidence, go to the Supreme Court…’

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कुछ दिन पहले केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह से 228 किलो सोना गायब होने का आरोप लगाया था. उनके इस आरोप को विपक्ष दल बड़ा मुद्दा बना रहे हैं और केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों पर हमलावर हैं. अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों पर बदरी-केदार मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा, ‘मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करता हूं लेकिन वह दिन भर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं. विवाद खड़ा करना, सनसनी फैलाना और खबरों में बने रहना उनकी आदत हो गई है.’
बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि केदारनाथ धाम में सोना गायब होने का उनका दावा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. अजेंद्र अजय ने कहा, ‘मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से आग्रह करता हूं और चुनौती भी देता हूं कि वह तथ्यों और सबूतों को सामने लाएं. उन्हें अधिकारियों के पास जाना चाहिए, सबूत पेश करना चाहिए और जांच की मांग करनी चाहिए. यदि उन्हें राज्य सरकार और उसके अधिकारियों पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें सबूतों के साथ सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए, एक जनहित याचिका दायर करनी चाहिए और जांच की मांग करनी चाहिए.’
केदारनाथ धाम में सोना गायब होने के बारे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने शंकराचार्य से तथ्य और इस मामले में सबूत पेश करने की चुनौती दी है।
शंकराचार्य को चुनौती
अजेंद्र अजय से शंकराचार्य के सोना चोरी हो जाने वाले दावे पर जवाब मांगा। इस पर उन्होंने कहा कि ‘मैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करता हूं, लेकिन वह दिन भर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं…विवाद पैदा करना, सनसनी फैलाना और खबरों में बने रहना स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की आदत हो गई है। केदारनाथ धाम में सोना गायब होने पर उनका बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं उनसे आग्रह करता हूं और चुनौती भी देता हूं कि वह तथ्य और सबूत सामने लाएं।’
केदारनाथ धाम में सोना चोरी को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने आपत्ति जताई। कहा, सोना चोरी होने के संबंधित कोई तथ्य हैं तो न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने के साथ उच्च एजेंसियों से जांच कराने का आग्रह करें। धाम के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने को षडयंत्र के
अजय ने दिया ये सुझाव
अजय ने यह भी सुझाव दिया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बयानबाजी करने के बजाय सक्षम प्राधिकारी से संपर्क कर जांच की मांग करनी चाहिए।
अजय ने कहा, ‘उन्हें अधिकारियों के पास जाना चाहिए, सबूत पेश करने चाहिए और जांच की मांग करनी चाहिए। अगर उन्हें सक्षम अधिकारी पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में जाना चाहिए, जनहित याचिका दायर करनी चाहिए और अगर उनके पास वास्तव में सबूत हैं तो जांच की मांग करनी चाहिए।’
अजेंद्र ने स्पष्ट किया कि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए बीकेटीसी ने कोई सोना नहीं खरीदा। दानीदाता के अनुरोध पर बीकेटीसी ने बोर्ड बैठक में अनुमति दी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानीदाता ने अपने स्वर्णकार से कराया। मंदिर के गर्भ गृह में पहले चांदी की परतें चढ़ाई गई थी। जिसका वजन 230 किलोग्राम था। इसकी जगह 23 किलो. सोने की परत चढ़ाई गई। सोने की परत एक हजार किलो.तांबे की प्लेट के ऊपर लगाई थी।
कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
अजय ने आगे कहा, ‘केदारनाथ धाम की गरिमा को ठेस पहुंचाने या इस पर विवाद पैदा करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। अगर वह सिर्फ विरोध करने, विवाद पैदा करने और कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’