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‘सीएम ने सिर्फ यादवों और मुसलमानों का नाम क्यों लिया?’, वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक का विरोध करेगी सपा: बोले अखिलेश यादव

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‘Why did the CM name only Yadavs and Muslims?’, SP will oppose the Waqf Act Amendment Bill: Akhilesh Yadav

विधानसभा उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी पर अयोध्या के दुष्‍कर्म मामले को लेकर हो रहे हमले के बीच पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले षड़यंत्र करना चाहती है। उनका लक्ष्य पहले दिन से ही रहा है कि समाजवादियों को कैसे बदनाम किया जाए? खासकर मुसलमानों को लेकर उनकी सोच अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। अखिलेश ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का नाम लिए बिना कहा कि एक मंत्री चिल्ला रहीं हैं कि आरक्षण खत्म हो गया है। सरकार में रहेंगे और आरक्षण की भी बात करेंगे।

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जिन्हें आरक्षण की चिंता है, वह पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी भाई बहन चाहे दिल्ली में हों या लखनऊ में, तुरंत बीजेपी को छोड़ दें।

अयोध्‍या दुष्‍कर्म मामले में DNA टेस्‍ट की मांग दोहरायी

समाजवादी विचारक जनेश्वर मिश्र की 92वीं जयंती पर जनेश्वर मिश्र पार्क में उनकी प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सपा अध्यक्ष ने अयोध्या के दुराचार प्रकरण में डीएनए टेस्ट की अपनी मांग फिर से दोहरायी। हाथ में एक कागज को दिखाते हुए बोले कि यह वर्ष 2023 का भाजपा सरकार का ही आदेश है कि जिस मामले में सात साल से अधिक की सजा का प्राविधान है, उसमें डीएनए टेस्ट कराया जाए। ऐसे में मैं क्या गलत मांग कर रहा हूं?

वहां भी पुलिस सच्चाई जानती है। वहां की पुलिस भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। पुलिस पर इतना भार है कि वह टेंशन में आ आकर किसी को सिर न मार दे, जैसा कि क्योटो में हुआ। जहां अधिकारी पर इतना दबाव था कि उसने व्यापारी को सिर मार दिया था। कन्नौज में वंचित समाज की बेटी के साथ घटना हुई है। पुलिस ने पेड़ पर उसके आत्महत्या करने की झूठी कहानी बता दी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मुसलमान भाइयों के अधिकारों को कैसे छीना जाए या उन्हें जो अधिकार मिले हैं। आजादी के अधिकार। उनके स्वतंत्रता के जो अधिकार है उनके अपने धर्म को लेकर। अपनी कामकाज की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए। केवल वक्फ बोर्ड ही नहीं हमारे मुख्यमंत्री जी देखिए कितने समझदार हैं। उन्हें जब यह पता लगा कि नजूल उर्दू शब्द है। अधिकारी उन्हें समझाते रहे कि नजूल का मतलब कुछ और है। लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं नजूल मतलब मुसलमान की जमीन है। जो व्यक्ति केवल नजूल शब्द को लेकर के पूरा प्रयागराज खाली करा दे। पूरा गोरखपुर और गोरखपुर में उनका अपना स्वार्थ है कुछ या उनके साथियों का स्वार्थ है। नजूल शब्द को लेकर मुख्यमंत्री जी क्या कानून ले आए यह बात आपको भी समझ में आ रही है। लेकिन हम लोग इसके खिलाफ रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि इन्होंने पहले एंग्लो इंडियन का छीना था। आपको पता होगा। एंग्लो इंडियन की पहले लोकसभा में और विधानसभा में एक सीट हुआ करती थी। उनका रिप्रेजेंटेशन था। इन्होंने जनगणना कर दी फर्जी। इन्होंने फर्जी जनगणना कराई। फर्जी जनगणना कराकर इन्होंने एंग्लो इंडियन की एक सीट भी छीन ली। अभी सुनने में आ रहा है कि एक मंत्री जी चिल्ला रही हैं कि आरक्षण खत्म हो गया। आप खुद सोचिए सरकार में भी रहेंगे। आरक्षण की भी बात करेंगे। आरक्षण की चिंता है। जो पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासी भाई-बहन है। चाहे वह दिल्ली में हो चाहे लखनऊ में। तुरंत बीजेपी को छोड़ दें।

योगी आदित्यनाथ सरकार हाल ही सम्पन्न हुए राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र में नजूल संपत्ति विनियोजन विधेयक लायी थी जिसे विधानसभा में पारित कर दिया गया था लेकिन विधान परिषद में सत्ता पक्ष के ही प्रस्ताव पर उसे पारित नहीं किया गया।

अखिलेश यादव ने निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुई केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पर निशाना साधते हुए उनका नाम लिए बगैर कहा, ‘‘अभी सुनने में आ रहा है कि एक मंत्री जी चिल्ला रही हैं कि आरक्षण खत्म हो गया है। आप खुद सोचिए कि सरकार में भी रहेंगे और आरक्षण की भी बात करेंगे। जिन्हें आरक्षण की चिंता है चाहे वह दिल्ली में हो या लखनऊ में, वे तुरंत भाजपा का साथ छोड़ दें।’’

जाति आधारित जनगणना का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा और कहा, ‘‘एक स्टूल किट नेता हैं। वह बहुत किट-किट कर रहे हैं। सुनने में आ रहा है कि उन्हें हुकुम मिलता है तभी वह कभी इधर, कभी उधर, कभी उधर, कभी उधर करते हैं। कम से कम उन्हें तो जाति आधारित जनगणना की बात करनी चाहिए और जो आरक्षण खत्म किया जा रहा है उसके बारे में भी बात करनी चाहिए।’’

यादव ने इस मौके पर छोटे लोहिया के नाम से मशहूर रहे समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र को याद करते हुए कहा कि मिश्र ने पूरा जीवन समाजवादी आंदोलन को आगे बढ़ने का काम किया। उन्होंने आजादी के बाद किसान, गरीब, मजदूर, शोषित, वंचित और हर वर्ग के लोगों के भले के लिये सारा जीवन लगा दिया।

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