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मौत में भी जातिवाद : ओडिशा में शमशान घाट पर लगाया विवादित बोर्ड, लिखा ‘सिर्फ ब्राम्हणों के लिए’,

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Casteism even in death: Controversial board put up at the crematorium in Odisha, written ‘only for Brahmins’

ओडिशा में एक शमशान घाट पर लगे बोर्ड को लेकर विवाद हो गया है। दरअसल शमशान घाट पर ‘सिर्फ ब्राह्मणों के लिए’ बोर्ड लगा हुआ है, जिसे लोग जातिवाद से जोड़कर देख रहे हैं। विवाद की वजह ये भी है कि यह शमशान घाट नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। ऐसे में एक सार्वजनिक शमशान घाट पर जातिवादी बोर्ड लगाने को लेकर विवाद भड़क गया है और लोग इसे संविधान का उल्लंघन बता रहे हैं।

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155 साल पुरानी केंद्रपाड़ा नगर पालिका ने शहर के हजारीबागीचा इलाके में श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर ब्राह्मण श्मशान घाट का बोर्ड भी लगा दिया है. स्थानीय सूत्रों ने बताया कि श्मशान घाट का उपयोग लंबे समय से ब्राह्मणों के अंतिम संस्कार के लिए किया जा रहा है, और अब सरकारी अनुदान के साथ सुविधा के नवीनीकरण के बाद हाल ही में आधिकारिक बोर्ड भी लगा दिया गया है.
क्या है मामला

ओडिशा की केंद्रपाड़ा नगरपालिका राज्य की सबसे पुरानी निकाय है। केंद्रपाड़ा के हजारीबागीचा इलाके में एक शमशान घाट पर ‘सिर्फ ब्राह्मणों के लिए’ लिखा बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लोगों में नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस शमशान घाट पर लंबे समय से ब्राह्मणों का अंतिम संस्कार हो रहा था लेकिन हाल ही में नगर पालिका ने इस शमशान घाट का पुनर्निर्माण कराया है, जिसके बाद शमशान घाट पर यह विवादित बोर्ड लगाया गया है।

नगर पालिका के अधिकारी बोले- हम उचित कदम उठाएंगे
अन्य जातियों के लोग अंतिम संस्कार के लिए पास के एक अन्य श्मशान घाट जाते है. इसका भी हाल ही में नवीनीकरण किया गया है. केंद्रपाड़ा नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी प्रफुल्ल चंद्र बिस्वाल ने कहा, ‘हां, मामला हमारे संज्ञान में आया है और हम इस पर गौर कर रहे हैं. कथित जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.’

दलित अधिकार कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रशासन की आलोचना की है. ओडिशा दलित समाज की जिला इकाई के अध्यक्ष नागेंद्र जेना ने कहा, ‘मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि नगर पालिका लंबे समय से केवल ब्राह्मणों के लिए श्मशान घाट का रखरखाव कर रही है. ऐसा करके, सरकारी संस्था कानून तोड़ रही है और जातिगत भेदभाव को बढ़ावा दे रही है. इस प्रथा को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए.’

मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं ऐसे घाट
माकपा की जिला इकाई के सचिव गयाधर धाल ने बताया कि किसी नगर निकाय द्वारा केवल ब्राह्मणों के लिए श्मशान घाट का संचालन करना सही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अन्य जाति के लोगों को भी अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर करने का अधिकार होना चाहिए.’

ओडिशा दलित समाज के जिला अध्यक्ष नागेंद्र जेना का कहना है कि जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो वह हैरान रह गए कि शमशान घाट लंबे समय से सिर्फ ब्राह्मणों के अंतिम संस्कार के लिए इस्तेमाल हो रहा था। सरकारी निकाय ने यहां जातीय भेदभाव को बढ़ावा देकर कानून का उल्लंघन किया है। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। सीपीआई (एम) नेता गयाधर धल ने भी इसे अवैध बताया और कहा कि अन्य जाति को लोगों को भी इसका अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह शमशान घाट संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इससे जातिवाद को बढ़ावा मिलता है।

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