Today’s youth wants to do something, we are determined to develop the country… PM Modi said on Veer Bal Diwas program
गुरु गोविंद सिंह जी के बेटों की शहादत को याद करने के लिए आज यानी 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है. इसके लिए भारत मंडपम में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित भी किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश को विकसित करने के लिए हम संकल्पित हैं. उन्होंने आगे कहा कि देश उनके बलिदान को याद कर रहा है उनसे प्रेरणा ले रहा है. वीर बाल दिवस के रूप में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत, दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा देश है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था। जब उस युवाशक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवाशक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है। यह कल्पना से परे है। हमें इस मिट्टी की आन-बान-शान के लिए जीना है, हमें देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है। हमें इस महान राष्ट्र की संतान के रूप में, देश को विकसित बनाने के लिए जीना है, जुटना है, जूझना है और विजयी होकर निकलना है।
साल 2022 में आज के दिन पहली बार मना था ‘वीर बाल दिवस’
पीएम ने कहा, “पिछले साल देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था। तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था। वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के दोनों छोटे बेटों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को याद करने के लिए हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा ‘हमें इस मिट्टी की आन-बान-शान के लिए जीना है, हमें देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है. हमें इस महान राष्ट्र की संतान के रूप में, देश को विकसित बनाने के लिए जीना है, जुटना है, जूझना है और विजयी होकर निकलना है. आज भारत, दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा देश है. इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था. जब उस युवाशक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवाशक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है… यह कल्पना से परे है.’