सक्ती। हसदेव जंगल बचाओ आदिवासी बचाओ छत्तीसगढ बचाने निकले है आओ मिलकर जल,जंगल, जमीन एवं प्रकृति की रक्षा सुरक्षा करने के लिए संकल्प लेकर गांव – गांव जाकर मानव समाज को जागरूकता अभियान में जड़कर तयार करते हैं आज दिनांक 07 /01/2024 को ग्राम मिरौनी, मरघटी, रनपोटा, डोमा,अमलीडीह के हमारे अपने समाज को जागरूक करते हुए अपनी हक अधिकार,और आदिवासी संस्कृति,सभ्यता, और प्रकृति के हरियाली जीव, जंतु ,पशु,पक्षी,शेर ,भालू, हाथी को बचाने के लिए और पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए आओ मिलकर एकजुट होकर संगठित होकर एक आवाज में गूंगी,बेरी,अंधवा सरकार को जगाते हैं।
एक तरफ यही सरकार पर्यावरण सुरक्षा के लिए पेड़ लगाओ बोलकर बोलते हैं एक तरफ पर ही सरकार हमारे हरे-भरे पेड़ पौधे को काटने पर लगे हैं “प्रकृति है तो,हम है” जो भी हमारे जीवन के साथ खेलेगा उनको नही छोड़ेंगे बहुत जल्द महा आंदोलन का आगाज करेंगे।
हसदेव जंगल के पेड़ों को काटना बंद करो।
हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते।
इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य करने वाले क्रांतिकारी आंदोलनकारी :- पीतांबर बंजारे, खेमराज कश्यप, कुलदीप,राजकुमार।